5 Famous Scientist Who Converted to Hinduism.:-दोस्तों वैसे तो हमारी दुनिया बहुत सारे धर्मो से भरी पड़ी है और इन धर्मो में बहुत सारी अच्छी अच्छी बातें भी लिखी हुयी हैं। जिनको समझकर इन्सान अपने जीवन को सफल बना सकता है और आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं। दुनिया के 5 ऐसे प्रसिद्ध वैज्ञानिको के बारे में जो हिन्दू धर्म पर विश्वास और इसको फोल्लो करते थे।
तो आइये जानते हैं उनके बारे में ..
5 एर्विन शुक्रोडींगर (ERVIN SCHRODINGER ) ..
दोस्तों एर्विन शुक्रोडींगर एक फेमस फिजिस्ट थे। जिन्हौने क्वांटम फिजिक्स में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसलिए साल 1933 में इनकी वेव मेकेनिक्स इक्वेशन के लिए इनको नोबेल प्राइज से सम्मानित भी किया गया था। और 1937 में इनकी मेक्सप्लेक मैडल से सम्मानित भी किया गया था। दोस्तों एर्विन को वेदांती हिन्दू भी कहा जाता है क्योंकि ये वेदों और उपनिषदो से काफी ज्यादा प्रभावित थे।
इनका एक प्रसिद्द विचार है जिसमे इन्हौने कहा था कि मेरे क्वांटम मेकेनिक्स के ज्यादातर सिद्धांत वेदों से काफी ज्यादा प्रभावित है। क्योंकि एर्विन ने वेद और उपनिषदो को गहराई से अध्ययन किया था। और ये अपने साइंटिफिक थटस को वेदों से कनेक्ट कर पाते थे। इनका मानना था कि जैसे क्वांटम मेकेनिक्स में एक पार्टिकल्स तभी एक्सिज्ट करता है। जब उसको कोई देख रहा होता है और जब पार्टिकल को ओब्जेर्व किया जाता है तब वह वेब के फोम में होता है।
इसी प्रकार वेदों में भी बताया गया है कि हमारी दृष्टि ही इस पूरो सृष्टि को बनाइ हुयी हैं। जब हम मर जाते हैं तो हमारे लिए ये पूरी सृष्टी भी मर जाती है दोस्तों एर्विन के वेदों और उपनिषदो पर फेमस कोर्ट्स को आप इन्टरनेट पर सर्च करके पढ़ सकते हो।
4 रोबर्ट ओपनहाइमर (Robert Oppenheimer ) ..
दोस्तों #रोबर्ट ओपनहाइमर एक अमेरिकन थ्योटीकल फिजिस्ट थे। जिनको फादर ऑफ़ ऑटोमिक बम के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि एटम बम को बनाने के लिए सबसे ज्यादा योगदान इन्ही का रहा है। और रोबर्ट एक साइंटिस्ट होने के साथ साथ हिन्दू धर्म में भी पूरी आस्था और विश्वास रखते थे। इसलिए इन्हौने साल 1930 में भगवद गीता को इसी की ओरिजिनल लैंग्वेज में पढने के लिए संस्कृत भाषा सीखी थी। क्योंकि रोबेर्ट भगवद गीता को इंग्लिश में ट्रांसलेट करवा के पढना नहीं चाहते थे।
वे भगवद गीता को इसी की ओरिजिनल भाषा में यानि संस्कृत में ही पढना चाहते थे। और दोस्तों इसके कारण जुलियस रोबर्ट भगवद गीता, महाभारत और इंडियन हिस्टोरिकल फैक्ट से काफी ज्यादा प्रभावित हुए। और इन्होंने भगवद गीता के प्रति अपने विचारों को लोगों के आगे जाहिर किया। जिसमे इन्होने कहा कि भगवद गीता किसी भी ज्ञात भाषा में मौजूद सबसे सुँदर और दार्शनिक गीत है।
जी हमें इस पूरे ब्रम्हांड और इसके रहस्यों के बारे में जानने के लिए मदद करती है। और दोस्तों जब ओपनहाइमर ने 16 जुलाई 1945 को मेक्सिको के दिजर्ट में अपने ही बनाये हुए एटम बम का भयानक विस्फोट देखा। तो तब उन्होंने कहा कि मुझे हिन्दू शास्त्र भगवद गीता की वह पंक्ति याद आ रही है। जब श्री कृष्ण अपना विराट स्वरुप दिखाते हुए अर्जुन को समझा रहे हैं कि में लोगों को नाश करने वाला महाकाल हूँ। और मैं इस समय अधर्म का नाश करने के लिए प्रवृत हुआ हूँ।
3 कार्ल सेगन (CARL SAGAN )..
दोस्तों #कार्ल सेगन एक अमरीकन एस्ट्रोनोमर, कोस्मोलोजिस्ट, एस्ट्रोफिजिस्ट, एस्ट्रोलोजिस्ट और फिलोस्फर थे। इन्होने कोस्मोलोजि और मॉडर्न स्पेस और साइंस को समझने के लिए अपना कंट्रीब्युसन दिया था। पर दोस्तों इसके साथ साथ लोग इनको हिन्दू भक्त के रूप में भी जानते थे। दुनियां के दुसरे वैज्ञानको की तरह कार्ल सेगन भी हिन्दू धर्म में मौजूद वेद और उपनिषदो के अपार ज्ञान से काफी ज्यादा प्रभावित थे।
वे मानते थे कि हिन्दुओ के वेद और उपनिषदो में ब्रम्हांड का सेम वैसा ही उल्लेख मिलता है। जैसे आज मॉडर्न साइंस ने हमें बताया है कार्ल सेगन हिन्दू धर्म पर पूरा विश्वास रखते थे। इसलिए उन्हौने हिन्दू धर्म को और ज्यादा करीब से जानने के लिए भारत में कई साल बिताये थे। उन्हौने कहा था कि हिन्दू धर्म दुनिया के महान विश्वासों में से एकमात्र है। जो इस विचार को समर्पित है कि ब्रम्हांड एक विशाल, वास्तव में अनंत मौतों और पुनर्जन्मो के संख्या से गुजरता है।
यह एकमात्र धर्म है जिसमे स्पेस और टाइम के पैमाने, मॉडर्न कॉस्मिक साइंस के समान हैं। इसका चक्र हमारे साधारण दिन और रात से 8. 64 बिलियन इयर्स लम्बे ब्रन्हा के दिन और रात तक चलता है। जो पृथ्वी या सूर्य की आयु से अधिक और बिगबैंक के बाद से लगभग आधा है। दोस्तों यह विचार हिन्दू धर्म को लेकर उनका काफी फेमस सोच था। जिनको आप इन्टरनेट पर इंग्लिश में भी पढ़ सकते हो।
2 बर्नर हाईजनबर्ग (Werner Heisenberg )..
दोस्तों #Werner Heisenberg एक जर्मन थियोटिकल फिजिस थे जिसने क्वांटम मेकेनिक्स में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। ये सबसे ज्यादा फेमस तब हुए, जब इन्हौने 1927 में अनसरटेंटी प्रिंसिपल को पब्लिसड किया था। और बाद में इसके इस प्रिंसिपल के लिए इनको साल 1932 में नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया। दोस्तों बर्नर हाईजनबर्ग साल 1929 में भारत आये थे।
इस दौरान रविन्द्रनाथ टैगोर से मीटिंग की थी। और इस मीटिंग में हाईजनबर्ग ने हिन्दू धर्म में मौजूद वैदिक फिलोसफी और उपनिषद फिलोसफी पर बात की थी। जिससे ये काफी ज्यादा प्रभावित हुए थे। क्योंकि ये हिन्दू धर्म में मौजूद वैदिक और उपनिषद नोलेज को क्वांटम मेकेनिक्स से काफी हद तक रिलेट कर पा रहे थे। इसके बाद इन्हौने अपने विचार लोगों के सामने जाहिर किये।
जिसमे इन्हौने कहा कि क्वांटम थ्योरी उन लोगों को बिलकुल भी मजाक नहीं लगेगी जिन्हौने वेदों को पढ़ा हुआ है और कहा कि रविन्द्र नाथ टैगोर के साथ बातचीत के बाद कुछ विचार जो मुझे पागल लग रहे थे। वे विचार अचानक से मुझे अधिक समझ में आने लगे और यह मेरे लिए बहुत बड़ी मदद थी। जिससे में हिन्दू धर्म में मौजूद वैदिक नोलेज की कोर को अधिक समझ पाया। और अब में फिजिक्स की उन गुत्थियों को भी सुलझा पाउँगा।
जो पहले मुझे काफी ज्यादा उलझी हुयी नजर आ रही थी। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए में बता दूं कि वेदों और उपनिषदो का ज्ञान दुनियां में सबसे ज्यादा तब फेलने लगा जब 19 सेंचुरी में एक जर्मन फिलोसफर ने वैदिक नोलेज से काफी ज्यादा प्रभावित हुए। तब वेदों और उपनिषदो को दूसरी भाषाओँ में ट्रांसलेट किया जाने लगा।
1 हेंस पीटर (HANS PETER Dürr)..
दोस्तों हांस पीटर एक वर्ल्ड फेमस जर्मन फिजिस्ट थे। जिन्हौने न्यूक्लियर एंड क्वांटम फिजिक्स में अपना कंट्रीब्युसन दिया था। दोस्तों इन्हौने हिन्दू धर्म के वेद और उपनिषदों पर 34 साल अध्ययन किया। और इनका सबसे प्रसिद्ध विचार ये है कि ये कहते थे। कि जब भी में क्वांटम फिजिक्स को पढाता हूँ। तब मुझे ऐसा लगता है कि जैसे में हिन्दू धर्म में वेदांतो और उपनिषदों पर बात कर रहा हूँ। क्योंकि दोस्तों ये भी हिन्दू धर्म के शास्त्रों के ज्ञान से काफी ज्यादा प्रभावित थे।
इसलिए ये वेदों में मौजूद ब्रम्हांड के ज्ञान को क्वांटम मेकेनिक्स से रिलेट करते थे। और दोस्तों E.C. George ने भी इसाई धर्म को छोड़ हिन्दू धर्म अपना लिया था। E.C. George एक इंडियन अमेरिकन थ्योटिकल फिजिस्ट थे। जिन्हौने हिन्दू धर्म अपनाने के बाद अपना नाम E.C. George Sudarshan कर लिया था। ये यूनिवर्सिटी इफ टेक्सस में एक प्रोफेषर भी थे। ये फिजिक्स में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं। जैसे क्वांटम जीनो इफ़ेक्ट ओपन क्वांटम सिस्टम और क्वांटम पम्पुटेशन इन्हौने अपना ज्यादातर टाइम हिन्दू धर्म में मौजूद वेद पूरण और उपनिषदों काअध्ययन करने में बिताया था।