Symptoms, Causes, Treatment of Arthritis:- दोस्तों आज के बेड लाइफ स्टाइल और ख़राब खानपान के आदत के चलते गठिया की बीमारी लोगों में लगातार बढ़ता जा रहा है। 45 से 50 साल के बाद बहुत से लोगों में यह पाया जा रहा हैं।
इस बीमारी में जोड़ो में भयंकर दर्द होता है बहुत से लोगों को गठिया के बारे में नहीं पता।
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे अर्थराईटिस यानि गठिया के बारे में, कि गठिया रोग क्या होता है गठिया होने के क्या-क्या कारण होते हैं, गठिया होने पर क्या-क्या लक्षण यानि सिमटम्स हमें नजर आते हैं।
इसके साथ साथ हम जानेंगे कि गठिया रोग को दूर करने के लिए क्या क्या घरेलु उपाय किये जा सकते हैं यानि किन चीजो का सेवन करने से हम गठिया से छुटकारा पा सकते हैं। इसके अलावा हम आपको यह भी बताएँगे की गठिया रोग में क्या नहीं खाना चाहिए।
दोस्तों गठिया को आर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है। ये 100 से भी ज्यादा प्रकार का होता है यदि व्यक्ति को गठिया रोग हो जाता है तो उसे चलने फिरने में उठने बैठने में बहुत ज्यादा तखलीफ होती है तो सबसे पहले हम जानते हैं आखिर गठिया रोग होता क्या है ?
दोस्तों गठिया रोग प्युरिन नामक प्रोटीन की मेटाबोलिज्म की विकृति से होता है। जब ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा बाढ जाती है तो व्यक्ति जब कुछ देर के लिए बैठता या उठता है तो यही यूरिक एसिड जोइन्ट्स याने जोड़ों में जमा होने लगता है और यह धीरे धीरे गठिया का रूप ले लेता है।
दोस्तों यूरिक एसिड हमारे शरीर में कई तरह के खाद्य पदार्थों को खाने से बनता है। अर्थराईटिस यानि गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसमे व्यक्ति की जॉइंट्स यानि जोड़ों में दर्द के साथ साथ सुजन भी आ जाती है।
इसके अलावा इस रोग में व्यक्ति के जोड़ों में गांठे भी बन जाती है। जिस वजह से उसे गठिया कहा जाता है और गठिया शरीर की किसी भी एक जोड़ से शुरू होता है और धीरे धीरे शरीर के सभी जॉइंट्स यानि जोड़ को प्रभावित होते हैं। इससे सभी जॉइंट्स में असहनीय दर्द होने लगता है जिसकी वजह से व्यक्ति का चलना-फिरना, उठना- बैठना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।
आइये अब बात करते हैं गठिया होने के क्या-क्या मुख्य कारण है आखिर क्यों होता है गठिया।
गठिया होने की सबसे बढ़ी वजह है शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ जाना। जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है तो इससे जॉइंट्स यानि जोड़ों में छोटे छोटे क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है और इसकी वजह से जोड़ों में दर्द और सुजन हो जाता है।
हमारे शरीर को सभी प्रकार के पौष्टिक पदार्थों की आवश्यकता होती है, इसमें कैल्शियम भी शामिल हैं। जी हां कैल्शियम का मुख्य काम हड्डियों को मजबूत रखना होता है। अगर हम कैल्शियमयुक्त आहार का सेवन नहीं करते तो इस कारण से भी गठिया रोग हो सकता है।
दोस्तों कुछ बीमारी वंशानुगत भी होती हैं जो की पीढ़ी दर पीढ़ी चलती हैं। इनमे अर्थराईटिस यानि गठिया रोग भी शामिल हैं जी हाँ यदि आपके परिवार में किसी सदस्य को गठिया हो तो इस कारण से भी आपको यह रोग हो सकता है।
इसके अलावा यदि आपके लाइफस्टाइल या डेली रूटीन बहुत आरामदायक हो यानि आप कोई फिजिकल एक्टिविटीज न करते हों तो इस वजह से भी आपको गठिया हो सकता हैं।
दोस्तों अगर हमारा इम्यून सिस्टम यानि की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्ट्रोंग न तो इस कारण से भी गठिया हो सकता है। क्योकि स्ट्रोंग इम्यून सिस्टम होने से हमारा शरीर बाहरी वायरस से या बक्टिरिया से आसानी से लड़ सकता है।
एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि वजन ज्यादा होना भी गठिया का मुख्य कारण होता है। क्योंकि जब हमारे पैर शरीर का सारा भर उठाने में असमर्थ हो जाते हैं तो इससे घुटनों में जोड़ो में बहुत अधिक जोर पड़ता है और काफी दर्द होने लगता है। इसलिए मोटापा भी गठिया होने के मुख्य कारण है।
जैसे जैसे उम्र बढती है हमारे शरीर के हर जॉइंट्स कमजोर होने लगते हैं। इसके साथ साथ मसल्स भी कमजोर होते हैं जिसकी वजह से हमारे शरीर में जॉइंट्स यानि जोड़ों का फंक्शन नार्मल नही होता है। दोस्तों बढती उम्र भी गठिया होने का कारण है।
दोस्तों स्मोकिंग न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुचाता है। इसके अलावा यह हड्डियों के लिए भी बहुत ही नुकसानदायक होता है। इसलिए जो लोग स्मोक या ड्रिंक ज्यादा करते हैं उन्हें भी गठिया रोग हो सकता है। इसके अलावा गठिया कई बार घुटनों में चोट लगने के कारण भी हो सकता है इसे बिलकुल भी नजर अंदाज न करें।
आइये अब हम जानेंगे कि गठिया होने के क्या क्या लक्षण होते हैं ..
दोस्तों गठिया का सबसे पहला लक्षण होता है। जोड़ों में दर्द होना जी हाँ अगर यह दर्द व्यक्ति को लम्बे समय तक हो और इसका इलाज न करवाया जाये तो यह व्यक्ति के लिए बहुत ज्यादा नुकसान दायक भी हो सकता है। अक्सर ऐसा भी देखा गया है कि अर्थराईटिस होने पर रोगी के घुटनों के जॉइंट्स यानि जोड़ों में अकडन सी हो जाती है। यह भी इसका मुख्य लक्षण है।
पैरों में गठिया का असर सबसे जल्दी दिखता है, इसमें पैरों के अंगूठों में बुरी तरह से सुजन आ जाती है और यह तब तक प्रोब्लम ठीक नही होती जब तक इसका इलाज न करवाया जाये। जब ऊँगलीयों के जोड़ों में यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा हो जाते हैं तो इससे उँगलियों के जॉइंट्स में बहुत अधिक सुजन हो जाती है और इसमें भयंकर दर्द भी होने लगता है। जिसकी वजह से उँगलियाँ मोड़ नही पाती हैं।
इसका एक और मुख्य लक्षण हैं कोहनियों में सुजन आ जाना। जी हाँ कई बार एल्बोज में भी सुजन आ जाती है और बहुत पेन भी होता है। यदि किसी व्यक्ति को घुटनों में अचानक से सुजन आ जाती है तो इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह भी इसका सिमटम्स है।
इसके अलावा अगर आपको खाने में बिलकुल भी रूचि नही लगती हो या फिर बहुत कम भूख लगती हो तो भी इसे नजर अंदाज न करें। क्योंकि यह भी गठिया का लक्षण है।
गठिया रोग को दूर कैसे करें ..
हम आपको कुछ एक घरेलु उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसका इस्तेमाल करके आप गठिया रोग को दूर कर सकते हो।
अदरक
इस उपाय को बनाने में लिए आपको चाहिए अदरक, अदरक में एंटी इन्फ्लामेरी गुण होते हैं जो गठिया रोग दूर करने में बहुत ही फायदेमंद होता है। चलिए जानते इस रेमेडी को कैसे बनाना है।
इसके लिए आप 6 चम्मच सोंठ पावडर यानि सुखी अदरक का पावडर लें और 6 चम्मच आपको लेना है काले जीरे का पावडर और फिर इसमें 3 चम्मच काली मिर्च पावडर मिला लें। अब आपको रोजाना इस मिक्सर को आधा चम्मच दिन में तीन बार लेना है। ये आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगा।
लहसून
इसके साथ साथ लहसून का सेवन करना गठिया के समस्या के लिए रामबाण इलाज है। जी हाँ यदि आप डेली सुबह खाली पेट दो से तीन लहसुन की कच्ची कलियाँ चबा चबाकर खाएं और ऊपर से गुनगुना पानी पी लें तो इससे आपको काफी फायदा होगा।
अगर आपको इसे कच्चा खाना पसंद न हो तो आप लहसुन को तेल में डालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको लेना है सेंधा नमक, जीरा, हिंग, काली मिर्च और सोंठ इन सभी को दो दो ग्राम की मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीस लें और फिर इस पेस्ट को कस्टर्ड आयल यानि अरंडी के तेल में भुन लें और उसके बाद उसे बोटल में भरकर रख दें। जब भी आपको दर्द हो तो आप इसे दर्द वाली जगह पर लगा दें इससे आपको बहुत आराम मिलेगा।
मेथी दाना
इसके अलावा आप रोजाना मेथी दाना का सेवन करें। इसके लिए आप मेथी के दानों को रातभर गरम पानी में भिगोकर रख दें और फिर सुबह उठते ही पानी को पी लें और मेथी दाने को चंबा चबाकर आराम से खा लें। इसका रोजाना सेवन करने से ये गठिया रोग दूर करने में बहुत ही सहायक होगा।
दालचीनी
इसके साथ-साथ दालचीनी का नियमित रूप से सेवन करें। दोस्तों दालचीनी में एंटी अक्सिडेंट और दर्द निवारक गुण होते हैं। जो अर्थराईटिस के दर्द से राहत दिलाते हैं। जी हाँ दोस्तों इसके लिए आप दालचीनी को पहले अच्छी तरह से पीस लें और फिर आपको लेना है एक चम्मच दालचीनी पावडर और एक चम्मच शहद अब इसे एक कप गरम पानी में मिलाकर पियें। यदि आप इसका रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होगा।
इसके अलावा अपने डेली लाइफ में ये टिप्स को भी जरूर अपनाये। इसको अगर आप फॉलो करते है तो आप जल्द ही गठियारोग को आसानी से दूर कर सकते हैं।
आप अपना वजन कण्ट्रोल में रखें ,यानि अपना वेट ज्यादा बढ़ने न दें , इसके साथ साथ विटामिन डी जो जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए बहुत ही अच्छा होता है इसके पर्याप्त मात्रा में अर्ली मोर्निंग सूर्य की रौशनी ले और साथ ही साथ विटामिन डी युक्त आहार का सेवन करें
दोस्तों यूरिक एसिड्स की मात्रा शरीर में बेलेंस यानि संतुलित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिए। यदि आप सही मात्रा में पानी पीते हैं तो इससे गठिया रोग दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा डेली समय निकालकर योग करें।
गठिया रोग में क्या नहीं खाना चाहिये ..
आलू चावल, तली हुयी चीजों को डाईट में शामिल न करें। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा सर्दी और वर्षा के मौसम में गठिया के रोगीयों को ठन्डे पानी से नहीं नहाना चाहिए।