Suniel Shetty: 90’s के दौर में भारी भरकम बॉडी वाला एक ऐसे एक्शन हीरो की एंट्री हुई जिसने उस समय की दुबले पतले चोकलेटी हीरोज से एकदम अलग और हटके अपनी पहचान बनाई, जिसका एक घुसा ही गुंडों के होश उड़ा देता। लेकिन फिर अचानक ऐसा क्या हुआ की सुपरस्टार बनने की रेस में अक्षय, अजय और गोविंदा के बराबर चल रहे ये एक्टर अचानक से गायब हो गए और बहुत पीछे रह गए । कुछ लोग कहते हैं उनको एक्टिंग नहीं आती थी, इसलिए कैरियर डूब गया। और कुछ तोतला बोलकर मजाक उड़ाते रहे।
तो चलिए जानते हैं एना यानि भाई का भाई, सुनील शेट्टी के बारे में, इनका फिल्मो में आना कैसे हुआ, इनका फिल्मी करियर कैसा रहा और साथ ही जानेंगे इनके लव अफ्येर्स और पर्शनल लाइफ से जुडु कुछ ऐसी बाते जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा ।
सुनील शेट्टी
भारतीय फिल्मों में हीरोज को लार्जर दैन लाइफ दिखाने की परंपरा काफी पुरानी है। जहाँ डेढ़ पसली हीरोज भी मोटे तगड़े 40/50 विलंस को धो देते हैं, लेकिन ये भी एक कटु सत्य है कि इनमें से बहुत कम हीरोज होते हैं जिन्हें देखकर ये यकीन हो पाता है कि वो ऐसा कर सकते है नब्बे के दशक में एक ऐसे हीरो ने बॉलीवुड में एंट्री मारी जिसे देखकर लोगों ने कह डाला कि ये हुई ना बात अब आएगा एक्शन का असली मजा जी हाँ ये हीरो कोई और नहीं बल्कि सुनील शेट्टी थे।
लेकिन वो कहते है ना कि नई बहू हर सास को बड़ी प्यारी लगती है, लेकिन कुछ ही दिनों में वो चुड़ैल नजर आने लगती है ऐसा ही कुछ सुनील शेट्टी के साथ भी हुआ। जिन्होंने अपनी शुरूआती फिल्मों से लोगों को तो खूब लुभाया लेकिन जल्द ही उनकी फिल्में पीटने लगी और वो अपने समकालीन कलाकारों से पिछड़ते चले गए। जो आज सुनील शेट्टी अपने समकालीन कलाकारों मसलन अजय देवगन, अक्षय कुमार, सलमान खान, आमिर खान, सनी देओल, शाहरुख खान और संजय दत्त आदि से काफी पीछे नजर आते हैं।
सुनील शेट्टी की शुरुआती जीवन
सुनील शेट्टी की शुरुवाली जीवन के बारे में देखें तो इनका जन्म ग्यारह अगस्त उन्नीस सौ इकसठ को मुल्की, मंगलौर में हुआ था। मगर इनकी परवरिश मुंबई में ही हुई। पिता साउथ के थे, लेकिन नौ साल में ही मुंबई चले आए थे। सुनील ने अपनी स्कूलिंग मुंबई के पाम बीच स्कूल से कम्प्लीट की। कम ही लोगों को पता होगा कि सुनील क्रिकेट के धुरंधर खिलाडी हुआ करते थे। वो और रवि शास्त्री साथ में क्रिकेट खेलते थे। मेन टार्गेट उनका यही था की वो एक क्रिकेटर बनेंगे। वो देश के लिए क्रिकेट खेलना चाहते थे, मगर अफसोस जब बहुत कोशिश के बाद भी भारतीय टीम में चयन नहीं हुआ तो भारी मन से सुनील ने क्रिकेट छोड़ दिया।
सुनील शेट्टी की करियर की शुरुआत
सुनील शेट्ठी ने अपने करियर की शुरुआत साल उन्नीस सौ बयान्वे में आयी फिल्म बलवान से की थी जो बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी, लेकिन इस फिल्म को देखकर लोगों को लगा कि ये एक्टर बेहतरीन तरीके से एक्शन दृश्यों को अंजाम देता है। वेल सुनील शेट्टी इस फिल्म की जगह उसी साल आए विश्वात्मा से डेब्यू करना चाहते थे जो कि सुनील शेट्टी के ही मित्र राजीव राय बना रहे थे लेकिन राजीव राय इस फिल्म के लीड एक्टर्स के तौर पर अपनी पिछली कामयाब फिल्म त्रिदेव के तीनों लीड एक्टर्स सनी देओल, नसीरुद्दीन शाह और जैकी श्रॉफ को पहले ही साईंन कर चुके थे । ऐसे में सुनील शेट्टी रह गए, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्हें एक आशा की किरण तब नजर आयी जब जैकी श्रॉफ ने फिल्म छोड़ दी।ऐसे में सुनील शेट्टी ने पुनः राजीव राय से फिल्म करने की इच्छा जताई इस पर राजीव राय ने उनसे कहा कि सुनील तुम मेरे जिगरी दोस्त हो और एक दोस्त होने के नाते मैं बिलकुल भी नहीं चाहता कि तुम्हारे करियर की शुरुआत एक सहायक अभिनेता के तौर पर एक कमजोर रोल से हो, इस तरह से जैकी श्रॉफ का रोल बाद में चुनकी पाण्डेय को चला गया।
सुनील शेट्टी उस वक्त बेहद निराश हुए जब राजीव राय ने उन्हें दिलासा दिया और ये कहा कि तुम मेरे अगले फिल्म तक रुक जाओ..तुम्हारे लिए एक बेहतरीन फिल्म बनाऊँगा पर सुनील शेट्टी उस वक्त जल्दबाजी दिखाते हुए। निर्माता राजू मावानी की फिल्म बलवान साईंन कर ली ये फिल्म तो अच्छी थी लेकिन बड़े बैनर कुशल निर्देशन और अच्छे गीत संगीत की कमी के कारण धमाका करने में नाकामयाब रही। हालांकि ये फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही, लेकिन ना इस फिल्म को याद रखा गया और ना ही सुनील शेट्ठी के अभिनय को साल उन्नीस सौ बयान्वे के फिल्मफेयर पुरस्कारों में बेस्ट डेब्यू की केटेगरी में सुनील शेट्टी को नामांकन तक नहीं मिला। बेस्ट डेब्यू एक्टर का पुरस्कार और सारी तालियाँ और तारीफें वो अभिनेता ले गया जिसने सुनील शेट्टी के साथ ही फिल्मों में शुरुआत करने के बावजूद कुछ ही सालों में सुनील शेट्टी को मीलों पीछे छोड़ दिया और सुनील शेट्टी आजीवन उनकी बराबरी नहीं कर पाए। इस अभिनेता का नाम था शाहरुख़ खान,
इसके अगले साल उन्नीस सौ तिरानवे में आयी सुनील शेट्ठी की दो फिल्में वक्त हमारा है और पहचान भी बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पायी और औसत रही । इन दोनों ही फिल्मों में सुनील शेट्टी को अपना स्क्रीन फिल्म के दूसरे हीरोज के साथ शेयर करना पड़ा जहाँ फिल्म वक्त हमारा है में सुनील शेट्टी के साथ अक्षय कुमार नजर आए वहीं पहचान में सैफ अली खान दिखे।
इस तरह से सुनील की शुरूआती तीनों फिल्मों से यह तो साफ हो गया कि उन पर दांव लगाना थोड़ा घाटे का सौदा होगा अतः फिल्मकार इनको लीड एक्टर के तौर पर लेने का रिस्क लेने से कतराने लगे और किसी और एक्टर की छोड़ी हुई सहायक भूमिकाएं इन्हें ऑफर होने लगी, ऐसे ही एक फिल्म थी साल उन्नीस सौ चौरानवे में आई दिलवाले जिसके लीड हीरो थे अजय देवगन और इसमें अक्षय कुमार के द्वारा छोड़ी गयी इंस्पेक्टर विक्रम सिंह की भूमिका में सुनील शेट्टी को लिया गया।
इसी साल आयी मोहरा और एन्ट ने भी सुनील शेट्टी के करियर को नया जीवन दिया, साल उन्नीस सौ चौरानवे में सुनील शेट्टी की एक के बाद एक चार फिल्में हिट हुई ये फिल्में थी मोहरा, दिलवाले, एन्ट और गोपी किशन इसके बाद पत्रिकाओं ने आर्टिकल्स की झड़ी लगा दी और सुनील शेट्ठी को अगला बड़ा स्टार घोषित कर दिया ।
यही कारण था कि उनकी अगली फिल्म हम है वेमिसाल में उनका रोल अक्षय कुमार से बड़ा रहा और अक्षय कुमार फिल्म में सहायक अभिनेता के रूप में नजर आए, लेकिन हम है बेमिसाल बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हो गई पूरी इंडस्ट्री को यह विश्वास था कि उन्नीस सौ चौरानवे में लगातार हिट्स देने के बाद सुनील शेट्टी अलग तरह का मुकाम बनाएंगे लेकिन इसके बाद उनके करियर में डिजास्टरस फ्लॉप्स बिलो एवरेज और एवरेज फिल्मों का सिलसिला चल निकला।
उन्नीस सौ चौरानवे में हम है बेमिसाल से शुरू हुआ ये सिलसिला उन्नीस सौ सत्तानवे तक चला जिसके बीच सुनील शेट्टी की ग्यारह फिल्में फ्लॉप या एवरेज रही। ये असफल फिल्मों के कड़ी फिल्म बॉर्डर से टूटी, लेकिन इस पूरे सालो के दरम्यान रिलीज़ हुई उनकी कोई भी हिट फिल्म उनकी सोलो फिल्म नहीं रही।
बतौर हीरो उनकी आखरी सफल फिल्म साल उन्नीस सौ सत्तानवे में आयी जिसका नाम था “भाई” इसकी सफलता का एक बड़ा कारण ये था कि ये फिल्म कम बजट की थी और दीपावली पर रिलीज़ हुई थी । यहाँ ये जानना भी दिलचस्प है कि भाई फिल्म का सामना उन्हीं के साथ डेब्यू करने वाले शाहरुख खान की फिल्म “दिल तो पागल है” से हुआ था जहाँ भाई ने आठ करोड़ चालीस लाख रूपए की कमाई की और सेम ही हिट रही ।वहीं “दिल तो पागल है” करीब चौंतीस करोड़ की कमाई की और ब्लॉकबास्टर साबित हुई।
लेकिन सुनील शेट्टी की फ्लॉप फिल्मों का सिलसिला इसके बाद भी नहीं थमा और उन्होंने इसके बाद नौ लगातार फ्लॉप्स फिल्में दी। अपनी इमेज बदलने के लिए सुनील शेट्टी ने उन्नीस सौ निन्यानवे से एक्शन छोड़कर अलग तरह की फिल्में करने की कोशिश तो की लेकिन उनका ये प्रयास भी बहुत सफल नहीं रहा। सुनील शेट्टी ने इस दौरान कई बड़े और नामी निर्देशकों की फिल्में साइन की जिनसे उन्हें ये उम्मीद थी कि उनको बतौर अभिनेता पहचान मिलेगी, लेकिन यहाँ भी उन्हें निराशा मिली। अब इसे उनकी बदकिस्मती कहें या उनके निर्माता निर्देशकों की विफलता पर बड़े निर्देशकों के साथ बनाई गई उनकी फिल्में या तो बनते-बनते खटाई में चली गई या फिर किसी ना किसी कारणवश उसे वो मुकाम नहीं मिल पाया जिसकी वो हकदार थी।
उनके एक्सपेरिमेंट की पहली फिल्म रही साल उन्नीस सौ निन्यानवे की, हु तू तू, इस फिल्म के निर्देशक थे महान गीतकार व निर्देशक गुलजार जिनकी बतौर फिल्मकार ये आखरी फिल्म साबित हुई. इस फिल्म में सुनील शेट्टी को पहली बार किसी ऑफ बीट फिल्म में काम करने का मौका मिला। लेकिन इस फिल्म को बनाने के दौरान गुलजार का फिल्म के निर्माताओं के साथ मनमुटाव हो गया। जिसके कारण फिल्म को वो प्रमोशन नहीं मिला जो ऐसी फिल्मों को चाहिए होता है। फिल्म के समीक्षकों की प्रशंसा तो बहुत मिली लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर धाराशाही हो गई। इस फिल्म के लिए तब्बू को बेस्ट एक्ट्रेस का क्रिटिक्स फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। सुहासिनी मुले को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का नेशनल अवार्ड मिला इन सबसे सुनील शेट्टी को इस फिल्म से ना तो सफलता नसीब हुई ना ही कोई अवार्ड मिला
इसी साल फिल्म बड़े दिलवाला में सुनील शेट्टी ने एक रोमांटिक रोल करने की कोशिश की लेकिन ये फिल्म भी डिजास्टर साबित हुई, हाँ साल दो हजार में जरूर सुनील शेट्टी की कई फिल्में आयी और ऐसा लगने लगा कि उनका करियर फिर से परवान चढ़ने वाला है ।
इक्कीसवीं सदी में मैं हु ना और फिर हेरा फेरी जैसी कुछ एक फिल्में अवश्य कामयाब रही लेकिन इनकी सफलता का श्रेय फिल्म के लीड हीरोज को दे दिया गया। हेरा फेरी और फिर हेरा फेरी में अक्षय कुमार, पारिस राहुल के पूरे करियर को बदल कर रख दिया लेकिन सुनील शेट्ठी इस फिल्म का फायदा कभी नहीं उठा पाए। साल दो हजार चार में फिल्म मैं हु ना में सुनील शेट्ठी का नेगेटिव रोल उनके करियर का सबसे बढ़िया रोल माना जाता है।
ऐसे में लगने लगा कि इसके बाद सुनील शेट्टी नेगेटिव रोल में खुद को स्थापित कर लेंगे लेकिन हम देख पाते हैं कि उन्नीस सौ चौरानवे के बाद सुनील शेट्ठी के करियर का ग्राफ बुरी तरह से गिरने लगा क्योंकि वो ना तो लीड एक्टर के तौर पर लोगों को लुभा पा रहे थे और ना ही सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर उनकी हर सफल फिल्म के बाद दर्जन भर फ्लॉप फिल्में आती जिससे उनकी सफल वापसी की कोशिशों पर पानी फिर जाता था।
हाँ इस दौरान उन्होंने एक्शन से हटकर धड़कन जैसी रोमांटिक ड्रामा फिल्म भी करने की कोशिश की जिसे प्यार में नाकाम आशिकों ने तो बहुत पसंद किया लेकिन ये अधिकतर दर्शकों और फिल्म क्रिटिक्स को लुभा नहीं पाई। हाँ धड़कन फिल्म ने दर्शकों को एक प्रसिद्ध मेम जरूर दिया और आज भी लोग इस बात की चर्चा करते हैं कि आखिर धड़कन फिल्म में सुनील शेट्टी ने ऐसा क्या काम किया कि वो करोड़पति बन गए। यहाँ इस बात में कोई अतिशयोक्ति नही है कि सुनील अच्छे शरीर के मालिक है लेकिन उनकी एक्टिंग स्किल उनके समकालीन एक्ट्रेस के मुकाबले काफी कमजोर थी इसको एक उदाहरण के तौर पर सुनील शेट्टी की दो फिल्मों दिलवाले और धड़कन से समझ सकते है फिल्म दिलवाले में एक नाकाम गरीब और विक्षिप्त आशिक की जो तस्वीर अजय देवगन ने पेश की है तकरीबन वैसे ही भूमिका में सुनील शेट्टी फिल्म धड़कन में बेहद कमजोर अदाकारी करते दिखते है ।
खैर नब्बे के दशक के मिड में सुनील शेट्टी के को-स्टार अक्षय कुमार का भी वैसा ही हाल हो गया और उन्हें भी फ्लॉप्स की झड़ी लगा दी तब दोनों ने एक्शन फिल्मों से दूरी बनाते हुए प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्म हेरा फेरी में काम किया । वैसे तो ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत रही लेकिन इसमें ये देखने को मिला कि अक्षय कुमार और परेश रावल की कॉमिक टाइमिंग काफी अच्छी थी लेकिन सुनील शेट्टी यहाँ भी पिछड़ते हुए नजर आए । इस फिल्म के बाद जहाँ अक्षय और परेश रावल ने कॉमेडी फिल्मों की झड़ी लगा दी वही सुनील शेट्टी ये काम भी नहीं कर पाए ।
इसी साल दो हजार में उन्होंने फिल्म जंगल और रिफ्यूजी में भूमिकाएँ निभाई । जंगल फिल्म में फरदीन खान, उर्मिला मातुन्कर, राजपाल यादव जैसे बहुत से अभिनेताओं की भीड़ थी जिसके कारण सुनील शेट्टी को फिल्म की सफलता का बहुत ज्यादा श्रेय नहीं मिला ।
इसके अलावा फिल्म रिफ्यूजी जे०पी० दत्त के साथ उनकी दूसरी फिल्म थी, अफसोस ये फिल्म रिकॉर्ड ओपनिंग लेने के बावजूद बॉर्डर की सफलता को दोहरा नहीं पायी और अपने बड़े बजट के कारण केवल औसत ही साबित हुई।
एक और बार उनकी एक असफल फिल्म को दो नेशनल अवार्ड नसीब हुआ लेकिन फिल्म के फ्लॉप होने के कारण सुनील शेट्टी को ना अवार्ड मिला ना ही सफलता । यही परिपाटी साल दो हजार पाँच में भी दोहराई गयी, जब एक और नेशनल अवार्ड जितने वाली फिल्म पहेली फ्लॉप हो गयी और सुनील शेट्टी को इसका कोई लाभ नहीं मिला । हालांकि ये फिल्म उस साल भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजी गयी ऐसी बदकिस्मती सुनील शेट्ठी के साथ अक्सर देखने को मिला, उन्होंने प्रियदर्शन के साथ ये तेरा घर ये मेरा घर में बतौर लीड एक्टर काम किया जिसमें अक्षय कुमार, परेश रावल और सुनील शेट्ठी की तिकड़ी में से अक्षय कुमार गायब थे और ये फिल्म भी बुरी तरह से फ्लॉप हो गयी ।
सुनील शेट्टी महान फिल्ममेकर कुंदन शाह के साथ भी एक फिल्म साईंन की एक से बढ़कर एक फिल्म इस फिल्म को बनने में कई साल लग गए जिसके बीच कुंदन शाह की कुछ फिल्में फ्लॉप हो गयी और उनकी ये फिल्म आउट डेटेड लगने लगी । इसका नतीजा ये हुआ कि आखिरकार दो हजार पाँच में रिलीज़ हुई इनकी फिल्म ने पानी भी नहीं माँगा । इससे कुछ एक साल पहले साल दो हजार दो में सुनील शेट्टी ने मल्टी स्टार फिल्मों के स्पेशलिस्ट माने जाने वाले राजकुमार कोहली के मल्टी स्टार फिल्म जानी दुश्मन में भी काम किया लेकिन ये फिल्म भारतीय सिनेमा के सबसे खराब फिल्म में शुमार की गयी और इस फिल्म ने बहुत से कलाकारों के करियर को तबाह कर दिया और जो बच गए वो आज भी इस फिल्म को करने का अफसोस जताते है।
सुनील शेट्टी ने एक और बड़े निर्देशक राहुल रवैल के साथ भी काम किया लेकिन उनकी फिल्म कुछ खट्टी कुछ मीठी डिजास्टर साबित हुई मतलब सुनील शेट्टी की किसी भी निर्देशक के साथ सफल जोड़ी नहीं बन पायी जिसे सफलता की गारंटी समझा जा सके ना हीं उनकी कोई हिट जोड़ी किसी अभिनेत्री के साथ बन पायी। एक समय पर उनका नाम सोनाली बेंद्रे के साथ खूब जोड़ा गया, लेकिन उनकी ये पर्सनल केमिस्ट्री फिल्मों में फ्लॉप साबित हुई और इन दोनों के साथ में की गयी सात फिल्मों में से छह फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई । इसी तरह कृष्णा कपूर के साथ भी उनकी पाँच में से एक फिल्म ही हिट रही सुनील शेट्टी के डगमगाते करियर का बड़ा दोष खुद सुनील शेट्टी को दिया जाता है क्योंकि उन्होंने कभी अपना पूरा ध्यान अभिनय पर नहीं लगाया।
दरअसल सुनील शेट्टी का परिवार लंबे समय से होटल बिज़नेस में शामिल रहा और सुनील शेट्टी का फिल्मों में आने की एक बड़ी वजह अपने होटल के लिए पैसे की व्यवस्था करना रहा था, बहुत से एक्टर जब उनकी फिल्में पिट जाती है तो वो अच्छी तैयारी के साथ बोनस बैंक करने की सोचते है लेकिन सुनील शेट्टी इसकी जगह अपने होटल और रेस्टोरेंट के बिज़नेस में ज्यादा फोकस किए और एक समय पर वो एक कामयाब बिजनेसमैन तो बन गए लेकिन अब भी हिट फिल्मों से वो दूर थे।
एक व्यवसायी बनने के बाद उन्होंने अपना दिमाग व पैसा फिल्में प्रोडूस करने में भी लगाई और साल दो हजार तीन में खेल नामक एक फिल्म लेकर आए इस फिल्म में सुनील शेट्टी के अलावा सनी देओल और क्रिकेटर अजय जडेजा भी दिखे लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर धराशायी हो गयी ।
इसके बाद उनके निर्माण में बनी आगामी फिल्मों मसलन रक्त मिशन इस्टैंबुल और EMI नाकामयाब ही रही हाँ इस दौरान आयी भागम भाग से उन्हें अवश्य कमाई हुई जो बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई लेकिन बतौर निर्माता सुनील शेट्टी का सक्सेस रेट उनके एक्टिंग करियर जैसा ही रहा सुनील शेट्टी ने अपने करियर में कुल छ: फिल्में प्रोडूस की जिनमें से केवल एक ही फिल्म हिट रही। बतौर प्रोडूसर उनकी आखरी फिल्म लूट बॉक्स ऑफिस पर इतनी बड़ी डिसस्टर हुई कि इस फिल्म से जुड़े आधे से ज्यादा कलाकारों का इस फिल्म के साथ ही कैरियर खत्म हो गया या उन्हें कई सालों तक काम ही नहीं मिला। इसी बीच सुनील शेट्टी ने कई हॉलीवुड फिल्मों में भी छोटे-छोटे रोल किए और कई दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी अभिनय किया लेकिन इनमें से एक भी फिल्म ऐसी नहीं रही जिसे सफलता मिली हो और नहीं उन फिल्मों में सुनील शेट्टी के रोल में कोई खास बात नजर आती है।
समस्या ये थी कि पिछले कुछ सालों में सुनील शेट्टी ने दोस्ती की खातिर कई बेहद खराब फिल्मों में काम किया या दोस्ती निभाने के चलते अपना रोल किसी और को सुपुर्द कर दिया। बतौर प्रोडूसर भागम भाग बनाते हुए उन्होंने गोविंदा के कहने पर अपना रोल गोविंदा को दे दिया और अपने हाथ से एक हिट फिल्म को जाने दिया ।
इसके उलट उन्होंने फिल्म डोंट स्टॉप ड्रीमिंग में शम्मी कपूर के बेटे आदित्या राज कपूर के खातिर काम किया जिसे हॉलीवुड में बनी सबसे खराब फिल्मों में से एक माना जाता है….. सुनील शेट्टी ने सलमान से दोस्ती निभाने के चलते जय हो में एक बेतुका सा रोल किया जिसके क्लाइमेक्स में उनके रोड में टैंक लाने वाले सीन का खूब मजाक बना।
शाहरुख खान के खातिर उन्होंने ॐ शांति में एक छोटा सा रोल किया जो फ्लॉप रही और मिथुन चक्रवर्ती की खातिर उन्होंने उनके प्रोडक्शन हाउस की फिल्म एनिमी में काम किया जिसकी घोर असफलता के बाद सुनील शेट्टी का बतौर अभिनेता कैरियर लगभग समाप्त ही हो गया।
कई सालों के बाद सुनील शेट्टी ने वेब सीरीज से वापसी करने की कोशिश की है लेकिन उनके दोनों ही वेब सीरीज को कुछ खास रिस्पांस नहीं मिला बीच में उन्होंने टीवी पर बिगेस्ट लूजर जीते गा नाम से एक रियालिटी शो भी होस्ट किया लेकिन ये शो भी नहीं चला ।
पिछले तीस सालों से ज्यादा समय तक अभिनय में सक्रिय होने के बावजूद ना सुनील शेट्टी के अभिनय में निखार आ पाया और ना उनके अंदर नाचने का हुनर है, ना उनकी स्क्रिप्ट्स का चुनाव कुछ खास रहा। इन सब कारणों की वजह से सुनील शेट्टी बॉलीवुड में कभी वो मुकाम हासिल नहीं कर पाए, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। अक्षय कुमार या अजय देवगन जैसे अभिनेता भी बतौर एक्शन हीरो बन कर ही फिल्मों में आए थे, लेकिन समय के साथ इन्होंने खुद को अलग अलग तरह के फिल्मों में अभिनय करके साबित किया, लेकिन सुनील शेट्टी इस प्रक्रिया में पूरी तरह से असफल रहे। सुनील शेट्टी बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में से एक रहे, जो बहुत कुछ में सक्षम थे लेकिन कुछ भी ठीक से नहीं कर पाए। ना वो कुशल अभिनेता बन पाए, ना अच्छे निर्माता और लगभग सौ फिल्में करने के बावजूद उन्हें आज भी स्टार का दर्जा हासिल नहीं हुआ।
सुनील शेट्टी की पर्सनल लाइफ
और अगर इनके पर्सनल लाइफ की बत करे तो उन्नीस सौ बयासी के आस-पास की बात है सुनील शेट्टी लाइब्रेरी में थे और वहाँ एक खूबसूरत लड़की पर नजर पड़ते ही उनको प्यार हो गया उसके बारे में पता चला। कि वो शहर के मशहूर आर्किटेक्ट की बेटी थी। खैर, जैसे-तैसे उससे एक पार्टी में मुलाकात हुई और अपने प्यार का इजहार किया। लड़की भी मान गई, मगर दिक्कत थी, वो मुस्लिम और सुनील हिंदू। माँ-बाप राजी नहीं थे, तो सुनील ने भी बोल दिया, अगर इससे नहीं करूंगा, तो फिर किसी से नहीं करूंगा। लेकिन सुनील और माना ना तो भागे, ना अलग हुए, उन्होंने सिर्फ इंतजार किया। आखिरकार, 9 साल के बाद ये इंतजार खत्म हुआ, और परिवारों ने अपनी मंजूरी दी और दोनों की शादी हुई. 25 दिसंबर 1991 को दोनों की शादी हुई और मोनिशा सुनील से शादी कर माना शेट्टी हो गईं. इनके दो बच्चे हुए। अथिया शेट्ठी और अहान शेट्ठी।
सुनील शेट्टी की उप्कोमिंग फिल्म
और अगर इनके उप्कोमिंग फिल्म की बात करे तो वो है हेरा फेरी -३ … जिसकी शूटिंग शुरु हो चुकी है और इस बार शुनील शेट्टी ,संजय दत के साथ स्क्रीन शेयर करने वाले है … जिसको लेकर ये काफी एक्साइटेड हैं … तो ये थी बॉलीवुड फिल्मों के एक्शन स्टार सुनील शेट्टी के करियर की कहानी।
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