Sattu is a panacea for health in summer! Know its tremendous benefits : दोस्तों क्या आपको सत्तू के बारे में पता है या नहीं ? नहीं पता तो चलिए जानते हैं सत्तू के बारे में , यह भारतीय समाज में एक पारंपरिक खाद्य के रूप में उपयोग किया जाता है। यह विशेष रूप से चने के आटे से बना होता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि यह बेसन से बना है। सत्तू में मुख्य रूप से चने की दाल, गेहूं और अन्य खाद्य आहारों को मिलाकर उन्हें धीमी आग में भूनकर तैयार किया जाता है। इन भुने हुए मिश्रण को बारीक पीसने पर सत्तू तैयार होता है। सत्तू हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है |

सत्तू अपने बेहतरीन स्वाद के लिए बहुत लोकप्रिय है यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो प्राचीन समय से ही हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा रहा है यह मुख्य रूप में गर्मी के मौसम में इसलिए खाया जाता है क्योंकि इसमें शीतलन प्रभाव होता है। इसके साथ ही पाचन को स्वस्थ्य रखने में भी मदद करता है सत्तू में फाइबर, मैंगनीज, आयरन और मैग्नीशियम आदि की पर्याप्त मात्रा होती है जो मानव शरीर के लिए आवश्यक हैं।

चलिए जानते है सत्तू को कैसे और कब इस्तेमाल करें …….
सत्तू में ½ चम्मच काला नमक ,1/2 चम्मच जीरा को भून कर पिस ले और उसे सत्तू में मिला लें खाना खाने के 10 मिनट पहले सेवन करें | इसके सेवन से होने वाले फायदे –सत्तू में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो आपकी भूख को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके अलावा यह आपके वजन को भी कम करने में भी सहायक होता है।

फाइबर की उच्च मात्रा शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करने में भी मदद करता है। सत्तू का सेवन करने से आप अपनी भूख की लालसा को समाप्त कर सकते हैं। बार-बार भूख लगने पर भोजन करना आपके बढ़ते वजन का प्रमुख कारण है। इस तरह से सत्तू आपको पर्याप्त ऊर्जा दिलाने के साथ ही आपके वजन को भी कम करने में सहायक हो सकता है।

सत्तू विशेष रूप से उच्च रक्तचाप रोगी के लिए फायदेमंद माना जाता है। सत्तू शरबत न केवल पोषक तत्वों में समृद्ध है बल्कि स्वाद में भी अच्छा है। , सोडियम की उच्च मात्रा रक्तचाप को उच्च स्तर पर ले जा सकती है। इसलिए उच्च रक्तचाप ग्रसित लोगों को सोडियम (नमक) का उपयोग कम करने की सलाह दी जाती है। सत्तू में सोडियम की कम मात्रा और अन्य पोषक तत्वों की उच्च मात्रा रक्तचाप को विनियमित करने में मदद करती है।

थकान और कमजोरी का प्रमुख कारण ऊर्जा की कमी है। आप इस ऊर्जा की कमी को सत्तू के माध्यम से दूर कर सकते हैं। क्योंकि सत्तू का सेवन करने पर यह त्वरित ऊर्जा उपलब्ध कराता है। यह एक एनर्जिक पेय के रूप में काम करता है। इसके अलावा यह पचने में भी आसान है जिससे हमे जल्दी ही उुर्जा प्राप्त होती है। नियमित रूप से सत्तू पेय का उपभोग करने पर यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। आप इसका उपयोग व्यायाम करने के बाद ऊर्जा प्राप्त करने के लिए करें ।

अक्सर जो लोग पेट की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं उनके लिए सत्तू दवा की तरह काम करता है। इसकी उच्च फाइबर सामग्री के कारण नियमित उपभोग करने पर सततु कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। यह पाचन व्यवस्था को भी स्वस्थ्य रखता है। इसकी अघुलनशील फाइबर सामग्री हमारी आंतों को खुश रखने में मदद करती है। इस तरह से आप अपनी आंतों को स्वस्थ्य रख पेट की अन्य समस्याओं से बच सकते हैं। विशेष रूप से कब्ज का इलाज करने के लिए आप सत्तू का नियमित सेवन करें ।

सत्तू में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है इसलिए मधुमेह रोगी द्वारा सत्तू का उपभोग फायदेमंद होता है। इसके अलावा सत्तू एंटी-डायबिटिक गुण भी होते हैं। इसलिए मधुमेह रोगी सत्तू का नियमित उपभोग करें अधिक उम्र के लोग बहुत सी समस्याओं से ग्रसित होते हैं। साथ ही उन्हें अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता भी होती है। बुजुर्गों की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में कुछ हद तक सत्तू फायदेमंद होता है।

क्योंकि यह पचने में आसान होता है और उच्च ऊर्जा का स्रोत होता है। इसलिए इसका सेवन बुजुर्गों के लिए अच्छा होता है। इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है जो उनके पेट को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। नियमित रूप से सत्तू का सेवन करने पर उन्हें पेट फूलना, गैस और अन्य पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

यह उन बच्चों के लिए अधिक फायदेमंद होता है जो उल्टी और दस्त से ग्रसित हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि दस्त और उल्टी के दौरान बच्चों के शरीर से पोषक तत्व बाहर आ जाते हैं। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने की क्षमता सत्तू में होती है। इसमे कैलोरी भी पर्याप्त मात्रा में होती है जो कि ऊर्जा दिलाने में सहायक होती है।

यह आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखता है और प्राकृतिक चमक दिलाने में भी सहायक होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंटत्वचा को पर्याप्त पोषण देने के साथ ही फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा दिलाते हैं। आप अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने और अन्य त्वचा संक्रमण से बचने के लिए सत्तू का नियमित उपभोग करें।

सत्तू का सेवन बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों की जड़ों को पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाती है जिससे बालों को झड़ने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद आयरन की उच्च मात्रा आपके चेहरे और बालों को प्राकृतिक चमक दिलाने में सहायक होती है।

नुकसान ..
- मधुमेह के रोगियों के लिए सत्तू एक तरफ जहां वरदान है वहीं पथरी के रोगियों को इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
- चने के सत्तू का ज्यादा सेवन करने से पेट में गैस पैदा होती है. इसका ज्यादा सेवन न करें
- इसके अलावा दिन में एक या दो बार से अधिक सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इसकी तासीर ठंडी होती है जिन्हें भी सर्दी खांसी है या ठंडी पेय का परहेज कर रहे हैं सत्तू का सेवन ना करें
- चना कोढ़ के रोग में वृद्धि करता है, इसलिए कोढ़ से पीड़ित व्यक्ति को चने के सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए.
- सत्तू को दूध के साथ सेवन न करें। ऐसा करने पर यह आपके पेट की समस्याओं को बढ़ा सकता है।