Omega 3 Benefits:- आपने हेल्थ के कई सरे आर्टिकल में अनेकों बार ओमेगा 3 का नाम पढ़ा होगा। क्या आपको पता है कि ओमेगा 3 है क्या? नहीं न? ओमेगा 3 एक फैटी एसिड है। वास्तव में, यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो आपको कई तरह के फायदे पहुंचाता है और बहुत से रोगों से बचाने में मदद करता है। जब आप फायदे के बारे में जानेंगे तो आश्चर्य मेें पड़ जाएंगे।
क्या आप जानते है बॉडी में ओमेगा 3 की कमी होने पर बॉडी में कौन कौन सी प्रोब्लम हो सकती है।
दोस्तो खासकर ओमेगा 3 चेहरे के पिम्पल्स, चेहरे पे असमय बुढ़ापा झुरियां, हड्डी एवं जोड़ों के रोग, भूलने की बीमारी (अल्जाइमर), हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेहदिअबेतिस, स्तन एवं प्रोस्टेट कैंसर को दूर करने के अलावा डिप्रेशन व आखों की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरुरी होता है और यह वजन को कम करने में हेल्पफुल होता है।
लेकिन खाने पिने की सही जानकारी न होने ही वजह से बहुत से लोगों के बॉडी में ओमेगा 3 की कमी पाई जाती है। क्योंकि ज्यादातर लोगों को ये पता ही नहीं होता कि ओमेगा 3 होता क्या है और इसकी कमी को किस तरह से पूरा किया जा सकता है। इसलिए आज हम ओमेगा 3 के बारे डिटेल्स से जानेंगे।
ओमेगा 3 होता क्या है ?
दोस्तो हम जो भी खाना खाते हैं उसमे तिन तरह के माइक्रो न्यूट्रिएंट्स होते हैं प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट और इनमे भी जो फैट होते हैं वो भी ओमेगा 3 के तरह होते हैं। सेचुरेटेड फैट पोली अनसेचुरेटेड फैट और मोनोअनसेचुरेटेड फैट और इनमे से जो पोलीअनसेचुरेटेड फैट होते हैं यही शरीर में टूटने के बाद ओमेगा 3 और ओमेगा 6 में बदल जाता है। शरीर में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 बराबर मात्रा में होना बहुत जरूरी है। मान लो अगर शरीर में 1 ओमेगा 6 है तो उसके बदले 1 ओमेगा 3 होना चाहिए नहीं तो 4 ओमेगा 6 के बदले कम से कम 1 ओमेगा 3 शरीर में होना ही चाहिए।
लेकिन खानपान सही न होने की वजह से बॉडी में ओमेगा 6 की मात्रा में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और लगभग 15 ओमेगा 6 के बदले 1 ओमेगा 3 भी शरीर में मिल पाता है।
चिकन, दूध, मक्खन, पनीर, अंडा, तेल और सोया प्रोडक्ट में ओमेगा 6 की ज्यादा मात्रा होती है। जबकि अखरोट, अलसी के बीज चिया सीड सब्जा सीड और कुछ खास तरह के मछलियों में ओमेगा 3 की ज्यादा मात्रा होती है। इसको देखकर आप समझ सकते हैं कि आप किन चीजों का ज्यादा सेवन करते हैं।
दोस्तो हामे से बहुत से लोग ऐसी चीजों का ज्यादा सेवन करते हैं जिसमे ओमेगा 6 ज्यादा होता है और जिसके वजह से शरीर में ओमेगा 6 की मात्रा ज्यादा बढती है यों ये हमारे शरीर में इन्फ्लामेशन और गर्मी पैदा करने लगता है और तभी जोड़ों में दर्द, चेहरे पर एक्मे पिम्पल्स और ड्राई स्किन जैसे प्रोब्लम शुरू होने लगती है, इसलिए हमें ओमेगा 3 वाली चीजों को भी अपने खाने में शामिल करना चाहिए।
दोस्तो ओमेगा 3 में एंटी एन्फलामेटरी प्रोपर्टीज पाई जाती है जो की ओमेगा 6 को दूसरी वजह से बढे इन्फ्लामेशन हिट और गर्मी को शरीर से कम करने में बहुत मदद करता है।
अब बात करते हैं ओमेगा 3 की कमी को किन खानों के जरिये पूरा किया जा सकता है। इसका कब और किस तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
बेसिकली ओमेगा 3 तीन तरह का होता है ALA , EPA और DHA
ALA टाइप का ओमेगा 3 वेजिटेरियन फूड में पाया जाता है। जैसे की अखरोट, अलसी, चिया सीड और सब्जा चीज जैसी चीजें और EPA और DHA टाइप का ओमेगा 3 नानवेजिटेरियन फूड में पाया जाता है। जैसे की मैकरल, सेल्मेन, टूना और हेरिंग जैसी मछलियों में सबसे ज्यादा ओमेगा 3 की मात्रा होती है।
सवाल ये उठता है कि कैसे आप इसे इन चीजों का खाने में शामिल करें अगर आप नानवेजिटेरियन है तो आप हफ्ते में 2 से 3 बार रोस्टेड या फिर ग्रिल फिश का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन जो लोग वेजिटेरियन हैं। उन्हें फ्लेक्सिड को रोस्ट करके पावडर बनाके एक से दो छोटा चम्मच किसी भी खाने के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है या चिया सीड या सब्जा सीड में से किसी एक को पानी में भिगोकर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसे डायरेक्ट इस्तेमाल किया जा सकता है।
अगर आप खाने के चीजों के जरिये ओमेगा 3 को नहीं ले पा रहे हैं तो ओमेगा 3 के सप्लीमेंट भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जो की फिश आयल के नाम से मार्केट से ख़रीदा जा सकता है। हालाँकि फिश आयल सप्लीमेंट को इस्तेमाल करने से पहले बहुत सारी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
अब बात करते हैं वेजिटेरियन और नॉनवेजिटेरियन में से किस खाने में ज्यादा बेहतर ओमेगा 3 पाया जाता है। दोस्तो मछली और मछली के तेल में पाया जाने वाला ओम्गा 3 EPA और DHA टाइप का होता है। क्योंकि शरीर में जाने के बाद हमारी बॉडी इसे दिल, दिमाग, स्किन, बाल और आखों की अच्छी सेहत के लिए डायरेक्ट यूज़ करती हैं।
जबकि वेजिटेरियन फूड में ALA टाइप का ओमेगा 3 होता है जो की हमारे शरीर में जाने के बाद हमारी बॉडी उसे डायरेक्ट यूज़ नहीं कर पाती बल्कि पहले उसे EPA और DHA में कन्वर्ट करती है। उसके बाद ही हमारी शरीर में काम में आता है। इस प्रोसेस में 8 से 10% ALA ओमेगा 3 ही EPA और DHA में कन्वर्ट हो पाता है और बाकि का एनर्जी के रूप में इस्तेमाल के लिए लिया जाता है। इसलिए अगर इसे इस हिसाब से देखा जाए तो मछली में पाए जाने वाला ओमेगा 3 ज्यादा बेहतर होता है।
अब बात आती है 1 दिन में कितना ओमेगा 3 लेना चाहिए और क्या इसके ज्यादा इस्तेमाल से नुकसान भी हो सकता है।
दोस्तो डेली कितना ओमेगा 3 लेना चाहिए यह किसी भी व्यक्ति के फिजिकल एक्टिविटी पे डिपेंड करता है। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति को EPA और DHA दोनों मिलाकर 1 दिन में कम से कम 700 से 800 mg ओमेगा 3 लेना बहुत जरुरी होता है। अगर आप बहुत ज्यादा हार्डवर्क करते हैं तो 1000mg तक ओमेगा 3 की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
जिसमे लगभग 500 से 600 EPA और 300 से 400 DHA की मात्रा होनी चाहिए। लेकिन एक बात का ख्याल रखे कि आपको EPA और DHA पर सिर्फ सप्लीमेंट का इस्तेमाल करते वक़्त ध्यान देने की जरुरत है। अगर आप खाने के चीजों के जरिये ओमेगा 3 की कमी को पूरा करते हैं तो उसमे आपको EPA और DHA की टेंशन लेने की बिलकुल भी जरुरत नहीं है।
अब बात करते हैं ओमेगा 3 के ज्यादा इस्तेमाल से कोई नुकसान भी हो सकता है।
वैसे तो खाने के जरिये लिए गया ओमेगा 3 का हमारे शरीर में ओवेरडोज नहीं होता, लेकिन जब सप्लीमेंट की बात आती है तो ज्यादा ओमेगा 3 की इस्तेमाल से नुकसान भी पहुँच सकता है। ज्यादातर लोगों को EPA और DHA को मिलाकर 1000 mg से ज्यादा ओमेगा 3 इस्तेमाल करने की जरुरत नहीं पड़ती। लेकिन अगर आप 1000mg से ज्यादा ओमेगा 3 का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो एक बार डोक्टर की सलाह जरूर लें। क्योंकि शरीर में ओमेगा 3 की मात्रा ज्यादा होने से ब्लड प्रेशर, साँस लेने में दिक्कत और कहीं चोट लगने पर खून जल्दी न रुकने की प्रोब्लम हो सकती है।
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