Benefits and disadvantages of blackberries.:-दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको जामुन खाने के फायदों के बारे में बताने वाले हैं।
दोस्तों यह बात तो सभी जानते हैं कि फलों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं।
लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि स्टोर करके रखे गए फल सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। आजकल बेमौसम फल भी पूरे साल मिलते रहते हैं। आपको बता दें कि मौसमी फल खाने से शरीर के कई बिमारियों को दूर कर सकते हैं और अभी के मौषम के हिसाब ऐसा ही एक फल है।
जामुन
जामुन जी हाँ दोस्तों जामुन का सीजन आ चूका है यह एक मौसमी फल है। जो खाने में बहुत स्वादिष्ट होने का साथ-साथ कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जामुन के साथ साथ इसके गुठली भी शरीर को बहुत फायदा करते हैं। जामुन को कई नामों से भी जाना जाता है। जैसे- ब्लैकबेरी,काला जामुन ,राजमन है इसके गुणों को जानकर आप हैरान हो जायेंगे।
स्वादिष्ट और रसीले जामुन के फल में ग्लूकोज, फ्रक्टोज, विटामिन C, A, राइबोफ्लेविन, निकोटिन एसिड,फोलिक एसिड, सोडियम और पोटैशियम के अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस और जिंक एवं आयरन मौजूद होता है
जिनके भी पायरिया है, हार्ट में प्रोब्लम है, दांत मसूड़े कमजोर हो गए है, डाइबिटीज की प्रोब्लम है,पेट से जुडी दिक्कतें हैं गैस एसिडिटी,चेहरे के पिम्पल्स से परेशान हैं, किडनी की प्रोब्लम है, दाद खाज की प्रॉब्लम है शरीर में कमजोरी है स्टैमिना बढ़ाना चाहते है उनके लिए यह आर्टिकल बहुत फायदेमंद है
चलिए जानते हैं जामुन के बेहतरीन फायदों के बारे में ..
दोस्तों मामूली से नजर आने वाला यह फल शुगर से लेकर बवासीर जैसे रोगों में फायदा करता है। डाइबिटीज पेशेंट के लिए जामुन बेहद फायदेमंद होती हैं। यह बॉडी में इंसुलिन को कण्ट्रोल रखने का काम करते हैं। यहां तक की इस फल की गुठलिया भी बहुत फायदा करती हैं। जामुन की गुठलियों को सुखाकर उसका पाउडर बना लें। इसका 1 चम्मच रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ सेवन करें, इससे शुगर लेवल ठीक रहेगा।
विटामिन A आंखों के लिए लाभकारी होता है और यह जामुन में बहुतायत पाया जाता है। इसके अलावा जामुन में खनिज और विटामिन सी भी पाया जाता है जो त्वचा के लिए भी अच्छा माना जाता है। जामुन ब्लड को पतला कर हार्ट ब्लॉकेज और स्ट्रोक जैसी परेशानियों से शरीर को बचाता है।
पोटेशियम से भरपूर होने के कारण जामुन हृदय को स्वस्थ रखने में बहुत सहायक होता है। 100 ग्राम जामुन में लगभग 55 मिलीग्राम पोटेशियम पाया जाता है जो उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक सहित कई तरह के हृदय रोगों से शरीर का बचाव करता है।
यहां तक कि इनका सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से बच सकते है। याद्दाश्त बढ़ाने में भी जामुन खाना फायदेमंद माना जाता है।
जिन लोगों को खाना पचाने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है। उन्हें तो जामुनों का सेवन रोजाना करना चाहिए। जामुनों पर नमक लगाकर खाने से शरीर की पाचन शक्ति स्ट्रांग बनती है। साथ ही खाया हुआ खाना जल्दी पच जाता है।
जामुन के रस का उपयोग पिम्पल्स यानि मुंहासों को कम करने में किया जाता है। इसके लिए जामुन या इसकी पत्तियों के रस को त्वचा पर लगाने से ये अधिक मात्रा में ऑइल को त्वचा पर आने से रोकता है। जिससे पिम्पल्स जैसी प्रोब्लम्स से आराम मिलता है। जामुन में कसेला गुण होने के कारण त्वचा के बिमारियों में फायदेमंद होता है।
गुर्दे की समस्या को दूर करने में भी जामुन का उपयोग किया जाता है। अगर आपके गुर्दे में किसी तरह की दिक्कत है तो जामुन के बीज का पावडर तैयार कर लें और इसे दही में मिलाकर खाने से किडनी के स्टोन सहित किडनी की अन्य दिक्कतें भी दूर हो जाती हैं।
जामुन त्वचा का रंग निखारने के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। जामुन में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो आपकी त्वचा को लंबे समय तक जवां रखते हैं। यदि आप अपने चेहरे पर ग्लोइग स्किन पाना चाहते है तो इनका सेवन करने के साथ-साथ आप जामुन के गूदे के पेस्ट को दूध में मिलाकर चेहरे पर लगायें चेहरे पर निखार आएगा।
दाद (ringworm) के इलाज में भी जामुन बहुत फायदेमंद होता है। जामुन के रस को थोड़े से पानी में मिलाकर त्वचा पर लोशन के रूप में लगाने से दाद की समस्या ठीक हो जाती है।
जिन लोगों को सफ़ेद दाग है उनके लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है। जामुन का पेस्ट बनाकर उसे अपने सफ़ेद दागों पर लगायें। इससे दाग हलके पड़ने लगेंगे कुछ ही दिनों के इस्तेमाल से सफ़ेद दाग हट जायेंगे।
जामुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कैल्शियम,पोटेशियम,आयरन जिससे हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता( इम्युनिटी ) मजबूत होती है। जामुन में एंटी कैंसर के गुण भी पाए जाते हैं। इसका कीमोथेरेपी और रेडिएशन होने के दौरान फायदा होता है। इसके अलावा जामुन में विटामिन सी प्रचुर मात्रा होती है। जिसका सेवन करने से शरीर से विटामिन सी की कमी नहीं होगी।
शरीर की कमजोरी को दूर करने और खून की कमी (anemia) की समस्या में जामुन का रस बहुत फायदेमंद होता है। यह याददाश्त भी बढ़ाता और सेक्सुअल कमजोरी की परेशानी को दूर करता है। एक चम्मच जामुन के रस (jamun juice) में एक चम्मच शहद और एक चम्मच आंवला का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाने से यौनशक्ति बढ़ती है।
जामुन के गुठली का चूर्ण बना लें और 5 ग्राम चूर्ण को हलके गर्म दूध के साथ सेवन करें। इससे शीघ्रपतन की प्रोब्लम ख़तम होगी साथ ही आपका वीर्य गाढ़ा बनेगा।
जामुन में जीवाणुरोधी, संक्रमणरोधी और मलेरिया रोधी गुण पाया जाता है। जामुन के फल में मैलिक एसिड, गैलिक एसिड, ऑक्जैलिक एसिड और बेटुलिक एसिड पाया जाता है। जामुन का फल सामान्य संक्रमण से बचाने में मदद करता है। इसलिए संक्रमण से बचाव के लिए जामुन का सेवन किया जाता है।
जामुन का फल ही नहीं इसके पेड़ की छाल भी फायदेमंद हैं। छाल को खूब उबाल लें और फिर उस लेप को घुटनों पर लगाए। इससे गठिया की समस्या खत्म हो जाती है।
जामुन में पाया जाने वाले ग्लूकोज और फ्रक्टोज के रूप में मिलने वाली शुगर आपके शरीर को हाईड्रेट करने के साथ ही कूल और रिफ्रेश भी करता है।
अगर आपको पायरिया की शिकायत है तो जामुन की गुठली में थोडा नमक मिलाकर इसे बारीक़ पीस लें। इस मिश्रण को आप अपने दांतों और मसूड़ों पर मलें। इससे खून निकलना बंद हो जायेगा और आपकी पायरिया की शिकायत दूर हो जाएगी। दांत और मसूड़ों से जुड़ी प्रोब्लम में जामुन के बीज को पीस लीजिए इससे मंजन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।
इसके अलावा अगर कोई दस्त से परेशान है जामुन को सेंधा नमक के साथ खाएं दस्त से तुरंत आराम मिलेगा।
इसके अलावा अगर आपको लीवर की समस्या है तो जामुन का रस पियें। रोज सुबह शाम जामुन के रस का सेवन करते हैं तो आपकी लीवर की प्रोब्लम ख़तम हो जाएगी।
जामुन के पेड़ की छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर उसमे शहद मिलाकर सुबह शाम पिने से प्रदर रोग में लाभ होता है।
जामुन के नुकसान ..
दूध पिलाने वाली माताओं को जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
खाली पेट जामुन नहीं खाना चाहिए दरअसल जामुन वातकारी है। अगर इसे खाली पेट खाया गया तो पेट में अफारा और गैस की प्रोब्लम हो जाती है। जो लंबे समय तक नहीं जाती।
जामुन खाने के तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए।
ज्यादा मात्रा में जामुन खाने से दर्द व बुखार जैसी समस्यायें हो सकती है।
अधिक मात्रा में जामुन खाने से खांसी हो जाती है और यह फेफड़ों के लिए हानिकारक साबित होती है।