Top 8 Fruits For Diabetes: दोस्तों हर फल में कोई न कोई पोषक तत्व जरूर होता है, मगर बात जब डायबिटीज के मरीजों की आती है, तो उन्हें पोषक तत्वों के साथ-साथ फलों में मौजूद शुगर की मात्रा पर भी नजर रखनी पड़ती है, वे ऐसे फल नहीं खा सकते हैं, जो सेहत के लिए तो अच्छे हैं लेकिन जिनमें अधिक शुगर होता है, डायबिटीज के मरीजों को फल ज्यादा खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि फलों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो इसे कन्ट्रोल करने में मददगार होते हैं।
आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे फलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो डायबिटीज में बहुत फायदेमंद होते हैं ।
अमरुद (Guava)
अमरुद डाइबिटीज के लिए बहुत अच्छा है अमरुद का ग्लास्मिक इंडेक्स कम होता है ,इसलिए यह शुगर लेवल को ज्यादा नहीं बढाता, अमरुद में डाईटरी फाइबर काफी ज्यादा होता है जो कब्ज की समस्या को दूर करता है, अमरुद खाने से टाइप 2 डाइबिटीज होने की सम्भावना कम होती है अमरुद में संतरे की तुलना में चार गुना ज्यादा विटामिन c होता है, अमरुद खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, अमरुद में सोडियम कम होता है और पोटेशियम ज्यादा होता है यह चीज डाइबिटीज के लिए अच्छी होती है, अमरुद के पत्ते खाने से शुगर कम होती है, अमरुद के पत्ते खाने से इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम होती है जिससे डाइबिटीज की बीमारी सुधार होता है, अमरुद में लाइकोपिन नाम का एंटी अक्सिडेंट काफी ज्यादा होता है यह एंटी अक्सिडेंट प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करता है ।
सेब (Apple)
दोस्तों सेब में कैल्शियम, आयरन ,मग्निशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जिंक, विटामिन सी, विटामिन ए और कई तरह के विटामिन्स होते हैं विटामिन ए और विटामिन सी शरीर में सुजन कम करते हैं, सेब में पाए जाने वाले क्वार्सेटीन नाम के पदार्थ शुगर लेवल को घटाते हैं, सेब में जो शुगर होती है वह फ्लूटोज होती है जो शुगर लेवल को नहीं बढाती, सेब में पाया जाने वाला फाइबर शुगर के पाचन को धीमा करता है। सेब में पाए जाने वाले पोलीफेनोज नाम के पदार्थ भी कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करते हैं और ब्लड शुगर लेवल को कम करते हैं, सेब का ग्लिस्मिक इंडेक्स और ग्लिस्मिक लोड दोनों कम होते हैं, इसका मतलब ये है कि सेब शुगर लेवल को नहीं बढाता। सेब खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होती है जिससे शुगर की बीमारी रिवर्स होती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सेब के छिलके में पोलिफेनोज नाम के जो पदार्थ होते हैं । वह पंक्रियाज़ को ज्यादा इन्सुलिन बनाने के लिए उत्तेजित करते हैं और शरीर के कोशिकाओं को ज्यादा इन्सुलिन प्राप्त करने में मदद करते हैं इसलिए डाइबिटीज वाले व्यक्ति को सेब हमेशा छिलके के साथ ही खाना चाहिए, सेब खाने से डाइबिटीज का ख़तरा कम होता है जो लोग हर रोज एक सेब खाते हैं । उन्हें डाइबिटीज होने का खतरा 30 % कम होता है, ऐसा सेब में पाए जाने वाले एंटी अक्सिडेंट की वजह से होता है। सेब में पाए जाने वाला क्वार्सटिन कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करता है और शुगर लेवल को बढ़ने से रोकता है, सेब में पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा शुगर इस्तेमाल करने में हेल्प करता है। सेब में पाया जाने वाला फ्लोरोजिन शुगर के पाचन को धीमा करता है और ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकता है ।
स्ट्राबेरीज (Strawberry)
स्ट्राबेरीज में केल्ररीज की मात्रा बहुत कम होती है जिस वजह से इसे खाने से वजहं नहीं बढ़ता स्ट्राबेरीज में फाइबर्स बहुत ज्यादा मात्रा में होता है जिसकी वजह से शुगर लेवल नहीं बढ़ता, स्ट्रोबेरिज में मग्निशियम होता है मग्निशियम इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है जिससे डाइबिटीज की बीमारी रिवर्स होती है, स्ट्रोबेरिज में विटामिन c होता है जो टाइप 2 डाइबिटीज के खतरे को कम करता है, भोजन के बाद शुगर को ज्यादा बढ़ने से रोकता है और हाई ब्लडप्रेशर को कम करता है ।
नाशपाती
नाशपाती खाने से वजन कम होता है, दिल की सेहत में सुधार होता है और टाइप 2 डाइबिटीज होने का ख़तरा कम होता है, नाशपाती में कार्बोहाइड्रेट कम होते हैं, केलोरिज कम होती है लेकिन फाइबर काफी ज्यादा होता है, नाशपाती में एंटी अक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड्स की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है, नाशपाती में पेक्टिन नाम का फाइबर होता है जो पाचन को धीमा करता है इससे वजन भी कम होता है और शुगर लेवल भी कम होता है, अगर आपका मन कुछ मीठा खाने का कर रहा है तो आप नाशपाती खा सकते हैं, इससे आपका ब्लड शुगर लेवल नहीं बढेगा, नाशपाती में कैल्शियम आयरन, मग्निशियम पोटेशियम विटामिन c विटामिन e विटामिन k फोलेट बीटा केरोटिन ल्यूटिन कोलाइन और रेटिनॉल होता है, ये सभी पोषक तत्व डाइबिटीज वाले व्यक्ति के लिए बहुत फायदेमंद होते है ।
कीवी (Kiwi Fruit)
कीवी फ्रूट में शुगर कि मात्रा बहुत कम होती है लेकिन इसमें विटामिन्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है कीवी को अगर किसी दुसरे भोजन के साथ मिलाकर खाया जाये तो यह उस भोजन में से निकलने वाली शुगर के डाइजेशन को धीमा करती है, ऐसा कीवी में पाए जाने वाले फाइबर की वजह से होता है, कीवी का फाइबर पेट में जाकर पानी को सोख लेता है और फूल जाता है और एज जैल जैसा पदार्थ बनाता है, यह जैल जैसा पदार्थ भोजन में मिक्स होने की वजह से भोजन बहुत धीरे धीरे हजम होता है जिससे शुगर लेवल नहीं बढ़ता कीवी इन्सुलिन की कार्यक्षमता को बढाती है, जो लोग इन्सुलिन लेते हैं समय बीतने के साथ साथ इनमे से कुछ लोगों को इन्सुलिन की मात्रा बढ़नी पड़ती है, क्योंकि बॉडी इन्सुलिन के प्रति रजिस्टेंस डेवलप कर लेता है, जिसकी वजह से इन्सुलिन की मात्रा बढ़ाने पड़ती है, लेकिन कीवी इन्सुलिन के काम करने की शक्ति को बढ़ा देती है इससे भविष्य में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाने की जरुरत कम पड़ती है, जो लोग अभी प्री डाइबिटीज की स्टेज में हैं या जिन लोगों को अभी डाइबिटीज नहीं है वह लोग अगर कीवी का रोजाना सेवन करते हैं तो वह डाइबिटीज की बीमारी से बच सकते हैं कीवी खाने से हार्ट हेल्दी रहता है, इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाती है, डाइजेशन इम्प्रूव होता है और लीवर फंक्शन में सुधार होता है, डाइबिटीज वाले व्यक्ति के अन्दरूनी अंग ज्यादा शुगर की वजह से ख़राब होने लगते हैं, लेकिन कीवी अंदरूनी अंगों की सेहत को सुधारती है, डाइबिटीज वाला व्यक्ति एक दिन में दो कीवी फ्रूट खा सकता है।
संतरा (Orange)
दोस्तों संतरे में बहुत सारे एंटी एंटीऑक्सीडेंट विटामिन a विटामिन c विटामिन e ल्यूटिन और बीटा केरोटिन होता है, यह पोषक तत्व डाइबिटीज की बीमारी को और ज्यादा बिगड़ने से रोकते हैं, डाइबिटीज वाले लोगों को स्ट्रोक हार्ट डिजीज और कुछ प्रकार के कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है, संतरे में पाए जाने वाले एंटी अक्सिडेंट इन बिमारियों के खतरे को कम करते हैं संतरे का ग्लेस्मिक इंडेक्स और ग्लिस्मिक लोड कम होता है, इसलिए संतरा शुगर को ज्यादा नहीं बढाता है।
जामुन (Jamun)
दोस्तों जामुन एंटी डाइबिटीक होती है यह डाइबिटीज की बीमारी को ठीक करती है, आप जामुन का फ्रूट और गुठली दोनों खा सकते हैं, जामुन के गुठली में जम्बोसाइन और जम्बोलाइन नाम के पदार्थ होते हैं, यह दोनों पदार्थ स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, इसका मतलब ये है जब आप भोजन करेंगे तो आपका शुगर लेवल नहीं बढेगा क्यूंकि आपके पेट में मौजूद स्टार्च एकदम तेजी से शुगर में नहीं बदलेगी, टाइप 2 डाइबिटीज वाले व्यक्ति के शरीर में इन्सुलिन कि मात्रा कम होती है, इसका कारण यह होता है कि या तो इंसुलिन कम पैदा हो रही है या शरीर इन्सुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है, जामुन शरीर में इन्सुलिन की उपलब्धता को बढ़ा देती है, यह इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ा भी देती है और इसे खाने से इन्सुलिन का इस्तेमाल भी सही से कर पाता है।
चेरीज (Cherry)
चेरीज में एंथोसायोनिन नाम के केमिकल्स होते हैं जो इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं, इन्ही केमिकल की वजह से चेरी को इसका लाल रंग मिलता है, ये एंथोसायोनिन दुसरे फल और सब्जियों में भी होते हैं जिनका रंग ब्राईट रेड ब्लू और पर्पल होता हैं, यह केमिकल डार्ट डिजीज के खतरे को भी कम करते हैं चेरीज में फाइबर्स भी काफी होता है और इनका ग्लेस्मिक इंडेक्स भी कम होता है।