Those who eat and do not eat ghee must read this article completely.:-दोस्तों हमारे देश में लोग अपने खानपान में घी का इस्तेमाल पुराने समय से करते आ रहे है। काफी सारे लोगों को घी खाना पसंद होता है वही कुछ लोग ऐसे हैं। जो घी का सेवन सेहत के लिए हानिकारक मानते हैं। घी को लेकर लोगों के बीच काफी सारी गलत फहमियाँ फैलाई गयी है। जिसके वजह से लोग अपने खाने में घी इस्तेमाल करने से बचते हैं।

जो लोग घी खाना पसंद नहीं करते आज में उनको बता दूं घी न खाने का आपका डिसीजन हर नजरिये से गलत है। अगर आप किसी वजह से घी नहीं खाते है तो आप एक ऐसे औषधि खाने से बच रहे हैं। जो आपको काफी सारे बिमारियों से छुटकारा दिला सकता है। क्योंकि घी खाने से हमारे बॉडी को जो फायदे होते हैं। वो किसी दुसरे चीजे के जरिये हमें कभी नही मिल सकते।
दोस्तों आज के इस खास आर्टिकल में हम घी खाने के बेहरतरीन फायदों के बारे में जानने वाले हैं।
आपने देखा होगा गाँव में रहने वाले लोग या खान पान में पुराने समय से चले आ रहे। नियमों का पालन करने वाले लोग लम्बी उम्र तक हेल्दी रहते हैं। साथ ही मोटापा और हार्ट की बीमारियाँ उन्हें कभी नहीं होती।आयुर्वेद में भी घी के काफी सारे गुण बताये गये है और इसकी हेल्प से कई तरह की बीमारियों को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। घी हमारी हड्डियों, बालों, पेट और त्वचा के लिए चमत्कारी रूप से फायदेमंद होता है, लेकिन इसके लिए घी का शुद्ध होना भी जरूरी है।
दोस्तों घी के अन्दर एंटी बक्टिरियल और एंटी वायरल प्रोपर्टीज पायी जाती है। जो की हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाती है। ऐसे में घी का इस्तेमाल करने से हम हर मौषम में होने वाली तरह तरह की बिमारियों और इन्फेक्शन से दूर रहते हैं और इम्युनिटी मजबूत होने से कोई भी बीमारी होने पर हमारा शरीर उसे कम समय में ही ठीक कर देता है। हमारी हड्डियों और जोड़ों के बीच में एक चिकना पदार्थ पाया जाता है। जो की हमारी हड्डियों के लचीलेपन और जोड़ों के मूवमेंट के लिए बहुत जरूरी होता है।

अगर शरीर में इसकी मात्रा कम हो जाती है तो जोड़ों में से आवाज आना और दर्द होना शुरू हो जाता हैं। ज्यादातर स्थितियों में अर्थराईटीस जैसी बीमारी होने की यही वजह होती है। जिन्हें भी जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। उन्हें हमेशा घी खाने की सलाह जरूर दी जाती है, क्योंकि घी से जोड़ों के बीच में पाए जाने वाले लुब्रिकेंट की मात्रा बढती है और हड्ड्याँ भी मजबूत होती है। इसलिए कहा जाता है कि घी खाने वाला व्यक्ति बुढापे में भी दौड़ लगाने में सक्षम होता है।
अगर आप कब्ज, पेट साफ नहीं होने या पेट से जुडी किसी भी तरह की समस्या से परेशान रहते हैं। तो ऐसे में अपने रोजाना डाईट में घी को जरूर शामिल करें। क्योंकि घी के इस्तेमाल से पेट से जुडी हर तरह की प्रोब्लम को ठीक किया जा सकता है।
हमारे शरीर को एनेर्जी देने के साथ साथ घी हमारी सुन्दरता को बढ़ाने के लिए भी बहुत अधिक फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंटी अक्सिडेंट हमारी त्वचा को नेचुरल ग्लो देने का काम करते हैं और साथ ही बालों के झड़ने और पकने की समस्या में घी का नियमित सेवन करने से सुधार आने लगता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही किसी भी तरह की सेक्सुअल कमजोरी होने पर भी घी का सेवन करने से फायदा मिलता है। क्योंकि घी हमारी फर्टिलिटी को बूस्ट करता है।
दोस्तों घी की तुलना अगर खाना पकाने वाले किसी भी तेल से की जाएँ तो यह उनके मुकाबले ज्यादा लाइट और ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन आज ज्यादातर लोग ऐसा नहीं सोचते ज्यादा घी खाना हमारे सेहत के लिए बुरा होता है और इससे हमें कई तरह के नुकसान भी होते हैं। इस तरह की बातों को लोगों के बीच में जिन्हौने सबसे पहले फैलाया वह है।

बड़ी बड़ी विदेशी रिफाइन आयल बनानी वाली कंपनीयां मुनाफा कमाने के लिए अपने तेल को हार्ट और हेल्थ के लिए अच्छा बताकर घी की बुराई करने से उन्हें फायदा मिलता गया और लोगों की घी के प्रति सोच पूरी तरह बदलती गयी। जिसके चलते आज ज्यादातर लोग घी को मोटापा और कोलेस्ट्राल बढ़ाना वाला समझते हैं और इसका सेवन करने से भी कतराते हैं। जबकि यह बात पूरी तरह सच नहीं है। घी कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें सबसे ज्यादा फायदेमंद गाय का घी होता है।
क्योंकि गाय का घी हमारे शरीर में कोलेस्ट्राल को बढाता नहीं बल्कि घटाता है। घी के अन्दर फाइबर की मात्रा अधिक होती है और इसमें मौजूद चिकनाई हमारे पेट और आंतों में जमा गन्दगी को बाहर निकालने का काम करती है। जिसकी मदद से शरीर में जमी जिद्दी से जिद्दी चर्बी भी समय के साथ साथ कम होती जाती है। तेल के मुकाबले घी को पचाना ज्यादा आसान होता है और जितना जल्दी यह पचता है।
उतना ही तेजी से यह हमारे खून और शरीर के दुसरे अंगों में भी पहुचता है। इसलिए इसका असर हमारे शरीर के साथ साथ आखों और दिमाग पर भी होता है। रोजाना घी खाने वाले व्यक्ति की सोचने और समझने की शक्ति दुसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा तेज होती है। इसलिए पढाई करने वाले स्टूडेंट्स और बढती उम्र वाले बच्चों को इसका सेवन जरूर करना चहिये।
इसके अलावा अगर आप खांसी नजला जुखाम से परेशान है या बच्चों में यह प्रोब्लम रहती है नाक बहती रहती है नाक जाम हो जाता है साँस लने में दिक्कत हो जाती है। सीना जाम हो जाता है। तो घी इसके लिए रामबाण इलाज है। अगर आप नाक में एक बूंद घी डाल देते हैं। तो आपको इसका फायदा तुरंत मिलने लग जायेगा।
आप घी का इस्तेमाल गर्मियों में भी कर सकते हैं। इससे आपको किसी तरह की प्रोब्लम नहीं होगी और खासकर के गर्मियों से रेलेटेड जो बीमारिया होती है या डिहाईडरेड हो जाते हैं। वहां भी आपको दिक्कत नहीं आती है। घी खाने से आपका पेट या आंते लुब्रिकेंट रहेंगी। जिसकी वजह से आपको डिहाईडरेशन की प्रोब्लम नहीं होगी। इसके लिए आप डेली घी का सेवन करें।
आइये अब जानते हैं हमें घी का सेवन कैसे करना चाहिए?
खाने में कोशिश करें गाय का घी ही इस्तेमाल करे क्योंकि घी अपने आप में एक प्योर फैट है और गाय का घी सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। घी के अन्दर प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, शुगर और फैटी एसिड्स के साथ साथ फाइबर भी मौजूद होते हैं।

कहा जाता है रात के मुकाबले दिन के समय घी काफी तेजी पचता है और शरीर में पूरी तरह अब्जोर्व होकर हमें ज्यादा फायदा पहुचाता है। इसलिए कोशिश करें कि ज्यादा मात्रा में घी का सेवन दिन के समय की करें। रात में अगर घी खाना चाहे तो इसकी मात्रा को थोडा कम ही रखें।
एक नार्मल व्यक्ति एक दिन में तीन से चार चम्मच घी का सेवन कर सकता है। घी का इस्तेमाल सब्जी रोटी या दाल में ऊपर से मिलाकर कर सकते हैं। साथ ही खाना बनाने या तलने के लिए तेल की जगह घी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
घी खाने के बाद आप कभी भी ठंडा पानी या दही का सेवन न करें। इससे आपका पेट ख़राब खो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार घी जितना पुराना हो उतना ही बेहतरीन काम करता है। उसकी क्वालिटी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
आप घी का पैकेट में इस्तेमाल करने से अच्छा है। घी को चीनी मिटटी के बरतन में रखे और उसका इस्तेमाल करें।