Benefits of Eating Flax Seeds.:-दोस्तों आपने देखा होगा आजकल कम उम्र के लोगो के बाल सफ़ेद हो जाते हैं या बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं और फिर गंजेपन का शिकार हो जाते हैं। जिससें 30 के उम्र में 40/45 के दिखने लगते हैं।
सही पोषण न मिलने की वजह से उम्र से पहले चेहरे पर झुर्रियां आने लगती है। आखों में काले घेरे आने लगते हैं।आखें कमजोर हो जाती है इसके अलावा बहुत से लोग बढ़ते वजन से परेशान रहते हैं। और वजन को कम करने के लिए कई सारे उपाय करते रहते हैं। फिर भी कोई फायदा नहीं मिल पाता।
शरीर में कैल्शियम कि कमी कि वजह से जोड़ों में दर्द, घुटनों में दर्द, हड्डियों में दर्द रहता है। जिससे डेली लाइफ में बहुत परेशानी होती है। जीवन जीना दूभर हो जाता है और आजकल डाइबिटीज के मरीज भी लगातार बढ़ रहे हैं। जो बहुत ही चिंता का विषय है।
आज में आपको इस आर्टिकल में बताऊंगा कि कैसे इस एक चीज के सेवन से आप अपने शरीर के 90% बिमारियों को जड़ से ख़तम कर सकते हो। वो भी बिना डॉक्टर के पास गए और जिस चीज की में बात कर रहा हूँ। वो है अलसी जिसे अंग्रेजी में Flax Seeds कहा जाता है।
दोस्तों अलसी में बहुत ज्यादा फाइबर होता है। व ओमेगा-3 फैटी एसिड के अलावा अलसी के बीज में एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल होते है।
आइये जानते हैं दोस्तों अलसी का सेवन कैसे कर सकते हैं।
रात को सोते समय 1 ग्लास पानी में 1 चम्मच अलसी के बीच को डालकर ढंक दें और रात भर रहने दें। सुबह जब आप उठें आपको उस पानी को सीप सीप कर के पी जाना है। अलसी का जो बीज है उसको भी चबाकर चबाकर खा लेना है।
या फिर दो चम्मच अलसी दो कप पानी में डालकर उबालें, जब यह आधा रह जाये तो गैस बंद कर दें। पीने लायक गर्म रह जाए तो छानकर सुबह सुबह खाली पेट पी लें। अलसी को चबा चबाकर खा जाएँ ऊपर से अलसी पानी को भी पी जाएँ।
इसके अलावा आप इसे फल या सब्जियों के ताजे जूस, दही-छाछ में मिला सकते हैं या अपने भोजन में डालकर कर भी खा सकते हैं। इसे रोटी, पराठे, दलिया बनाते समय भी मिला सकते है।
चलिए जानते हैं अलसी के सेवन से शरीर को क्या क्या फायदे होते हैं।
दोस्तों बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम होना आम बात है। लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी का भी रूप ले सकती है। ऐस में अगर आप अलसी के बीज को घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल करेंगे। तो सर्दी-जुकाम की परेशानी कम हो सकती है।
सर्दी-जुकाम होने पर अलसी के पाउडर की चाय पिएं या फिर आप दो चम्मच अलसी को एक कप पानी में तब तक उबालें। जब तक वो गाढ़ा न हो जाए अब इसको छान लें। और इसमें तीन चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर पिएं।
दोस्तों अगर आप घुटनों के दर्द, जोड़ों के दर्द से परेशांन हैं तो इसके लिए अलसी का सेवन कर सकते हैं। या फिर अलसी के पाउडर को सरसों के तेल में गुनगुना करके जोड़ों पर लगा सकते हैं। आपको आराम मिलेगा, इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है। जिससे गठिया की परेशानी को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
दोस्तों अलसी मोटापा को कम करने में हेल्प करता है क्योंकि इसमें डाईटरी फाइबर बहुत अधिक मात्रा में होता है। जिससे यह भूख को कम करती है। अलसी में मौजूद फाइबर शरीर में गुड बक्टिरिया को बढाता है। जिससे मेटाबोलिज्म का रेट तेज होती है इससे कैलरी ज्यादा बर्न होती है। जिससे सुबह पेट अच्छे से साफ होता है। जिससे कब्ज नहीं होता।
अलसी में अन्य नेचुरल रिसोर्सेज की तुलना में 800 गुना ज्यादा लिग्नांस होते हैं। आपको पता होना चाहिए लिग्नांस एंटी-ओक्सिडेंट की तरह काम करते हैं। और शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं। यही फ्री रेडिकल्स मेटाबोलिक रेट धीमा करके वजन बढ़ाते है और शरीर फूल जाता है। अलसी के बीज फ्री रेडिकल्स नष्ट करके मोटापे को कम करने को आसान बनाते है।
अलसी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड्स बालों के लिए फायदेमंद होता है। अलसी बालों कि जड़ों को सही न्युत्रियंट्स देते हैं यह स्कैल्प को सूखने नहीं देते नमी बनाये रखते हैं। इससे बाल लम्बे और मजबूत होते हैं।
दोस्तों अलसी में मोजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड्स बढती उम्र के असर को कम करता है। जैसे झुर्रियों, चेहरे पर पड़ने वाली लकीरों को दूर करता है। यह चेहरे के कील-मुहांसों को दूर करके स्किन को नयी चमक देता है। त्वचा पर कसाव बनाये रखता है।
इसके अलावा जिनके नाख़ून पोषण कि कमी कि वजह से ख़राब हो गए है। उनके लिए भी अलसी बहुत फायदा करता है। अलसी हाथ-पैर के नाखून को मजबूत और चिकना बनाता है। अलसी धूप की वजह से होने वाले स्किन डैमेज से सुरक्षा प्रदान करता है और स्किन कैंसर से बचाव करता है।
जाड़ों में अलसी का तेल स्किन पर लगाने से त्वचा रूखी नहीं होती और नर्म, मुलायम बनी रहती है। अलसी का तेल स्किन की खुजली, लालपन, सूजन, दाग-धब्बे दूर करके एक बढ़िया मॉइस्चराइजर (Moisturizer) का काम करता है। अलसी के बीज खाने से घाव भी जल्दी भरता है।
इसके अलावा दोस्तों जिन औरतों का पीरियड रेगुलर नहीं होता और पीरियड के दौरान तेज दर्द रहता हो। उन्हें रोजाना अलसी खाना चाहिए। अलसी स्त्रियों के प्रजनन अंगों को स्वस्थ बनाता है। जिससे पीरियड नियमित होता है अलसी के बीज स्तनपान के दौरान दूध न आने की समस्या को दूर करता है। लेकिन अधिक मात्रा में नहीं करना है। अलसी के बीज औरतों के हार्मोनल बैलेंस के लिए बहुत सहायक होता है। क्योंकि ये बीज लिग्नांस का बहुत अच्छा स्रोत है।
अलसी खाने से पुरुषों की कई सेक्स समस्यायें। जैसे सेक्स में रूचि न होना, जल्दी उत्तेजित होना, सेक्स के दौरान नर्वसनेस, शारीरिक दुर्बलता, ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी दिक्कतों से निजात मिलती है। साथ ही बढ़ती हुई उम्र के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर, ब्लैडर कैंसर होने का खतरा होता है। अलसी का सेवन करके इन कैंसर खतरों से बचा जा सकता है।
आखों के लिए भी अलसी बहुत फायदा करता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड्स आँखों में नमी बराबर बनाये रखता है। आखों की रौशनी तेज होती है।
अलसी विटामिन B Complex, मैगनिशियम, मैगनीस तत्वों से भरपूर है। जोकि LDL नामक बेड कोलेस्ट्रोल को कम करते है। अलसी कोलेस्ट्रॉल के लेवल को लकम करता है। हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमने से हार्ट अटैक की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए अलसी कोलेस्ट्रॉल कम करके हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है।
अलसी ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, हाइपरटेंशन के रोगियों के लिए। ब्लड शुगर कंट्रोल में अत्यंत लाभदायक है। Type 1 और Type 2 Diabetes रोगियों के लिए अलसी डायबिटीज रोकने में फायदेमंद होता है।
दोस्तों किसी भी इन्सान को स्वस्थ रहने के लिए उसका इम्यून सिस्टम सही होना बहुत जरूरी है। अगर किसी का इम्यून सिस्टम ठीक नहीं है। तो वो बार-बार बीमारी का शिकार होने लगता है। इम्यून सिस्टम सही रखने के लिए न सिर्फ अपनी डेली रूटीन पर ध्यान देना चाहिए। बल्कि खाने पीने का भी ध्यान रखना चाहिए।
दोस्तो इम्यून पावर बढ़ाने के लिए आप अलसी का सेवन कर सकते हैं। इसमें एएलए (ALA) होता है। जो एक तरह का ओमेगा-3 फैटी एसिड है। अलसी में फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं। जो इम्यून पावर को बढ़ाने में मददगार होते हैं। इससे आपके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता आती है। आप अलसी के बीज या उसके पाउडर को अपने डाईट में शामिल कर सकते हैं।
अलसी में मौजूद अल्फा लिनोलेनिक एसिड (Alpha Linolenic Acid – ALA) किडनी की परेशानी को कुछ हद तक कम कर सकता है। इसलिए अगर किडनी की प्रोब्लम से बचना है। तो अलसी को अपनी डाइट में शामिल करें।
अस्थमा या दमे के मरीज के लिए भी अलसी का सेवन अच्छा होता है। इसमें मौजूद, ओमेगा-3 फैटी एसिड दमा की परेशानी से राहत देता है और शाम को इसे छानकर पिएं।