Benefits and disadvantages of Shilajit:-दोस्तों शिलाजीत एक ऐसी औषधि है जो हमें स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है, हजारों सालों से इसका उपयोग होता रहा आयुर्वेद में शिलाजीत का विस्तार से वर्णन हैं । इसके अनुसार शिलाजीत में जो भी तत्व होते है वो प्राकर्तिक है और किसी का भी कोई साइड इफ़ेक्ट नही होता।
शिलाजीत में 85 तरह के नूट्रिएंट होते है जिसके कारण इसमें एनर्जी और ताकत बढ़ाने की अद्भुत क्षमता होती है।
शिलाजीत
शिलाजीत में फेल्विक एसिड होता है इसकी वजह से ही शिलाजीत इतना पावरफुल होता है, इसलिए शिलाजीत हमारे शरीर में जल्दी असर करता है।
आइये जानते है शिलाजीत को कैसे खाना है और किसके साथ खाना है ताकि हमें ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।
बाजार में शिलाजीत 3 अलग अलग रूप में मिलता है। लिकविड, सॉलिड और कैप्सूल। केप्सूल का इस्तेमाल ना करे, क्योंकि इसमें यह पाउडर के रूप में होता है और साथ ही इसमें मिलावट होने की सम्भावना भी ज्यादा होती है।
कोशिश करें की गाढ़े लिक्विड के रूप में मिलने वाले शीलजीत का ही इस्तेमाल करें।
सबसे इम्पोर्टेन्ट है हमें कितनी मात्रा में शिलाजीत लेना चाहिए।
शिलाजीत के फायदे पाने के लिए एक एडल्ट व्यक्ति एक बार में 150 से 250 mg शिलाजीत का सेवन कर सकता है और इसे एक दिन में करीबन 600 mg से ज्यादा नहीं लेना चाहिए।
सॉलिड शिलाजीत का सेवन करने के लिए इसका चाकू या चम्मच की सहायता से थोड़ा हिस्सा काटकर चावल से थोड़े से बड़े आकार की गोली बना ले। शिलाजीत को फ्रिज में ना रखें। क्योंकि फ्रिज में यह जमकर सख्त हो जाता है।
इसका सेवन हम खाली पेट गुनगुने पानी के साथ करें या रत को दूध के साथ ये बहुत फायदा करता है। अच्छा शिलाजीत लेने के दौरान खटाई और ज्यादा मिर्च मसाले वाले भोजन से दूर रहे।
अगर आप खाना खाने के साथ या खाना खाने के बाद शिलाजीत का सेवन करेंगे तो यहाँ इससे हमें फायदा नहीं मिलता है। दोस्तों , खाना खाने के आधा घंटा पहले शिलाजीत खा सकते हैं।
सर्दियों में आप चाहे तो रोज शिलाजीत का सेवन सकते हैं, लेकिन गर्मियों में आपको एक दिन गेप करके खाना है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है जो बॉडी को इफ़ेक्ट कर सकती है। आप चाहे तो लगातार तीन महीने तक शिलाजीत का सेवन कर सकते है। उसके बाद एक महीने का गेप कर लिजिये फिर आप तीन महीने रेगुलर सेवन कर सकते हैं।
किन लोगों को शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए।
- एक बात का ध्यान रखें अठारह साल से कम उम्र के बच्चों को शिलाजीत का सेवन नहीं करना है।
- प्रेग्नेंट महिलाएं शिलाजीत को अवॉयड करें।
- हाई बीपी के मरीज और पाईल्स के रोगियों को शिलाजीत का सेवन बिलकुल भी ना करे।
- अगर आप आयरन कि मेडिसीन ले रहे है तो शिलाजीत का सेवन न करें।
- अगर आप बुखार से ग्रस्त है तो शिलाजीत का सेवन न करें।
आइये अब जानते है किन लोगों को शिलाजीत का सेवन करना चाहिए और क्या फायदे होते हैं ।
पचास साल के ज़्यादा उम्र के लोग रोज़ाना दो-तीन महीने तक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं । जवान लोग सप्ताह में दो दिन से ज़्यादा इस्तेमाल न करें । शिलाजीत के अन्दर कैल्शियम, मग्निशियम पाया जाता है जो कि हमारी हड्डियों को मजबूत करता है । स्वेलिंग को दूर करता है । जिनकी भी मांसपेशियों में ऐठन रहती है ,गठिया कि प्रोब्लम है । उन लोग को रोजाना दोनों टाइम शिलाजीत का सेवन जरूर करना चाहिए । वो भी लिक्विड फॉर्म में।
डाइबिटीज रोगी जिसे टाइप 2 है उनके लिए शिलाजीत बहुत फायदेमंद है। जो बार बार यूरिन जाने से परेशान हैं उनको भी शिलाजीत जरूर खाना चाहिए। फेस से रिंकल्स को रिमूव करता है, बॉडी से फैट को कम करता है।
शिलाजीत बढती उम्र के असर को कम करता है स्टेमिना को बनाये रखने के लिए शिलाजीत बहुत अच्छा होता है। बुढ़ापा जल्दी नही आने देता है। इसके अलावा पुरुषों में होने वाली अंदरूनी कमजोरी को दूर करता है ।
स्पर्म काउंट को बढाता है, डाईजेशन को इम्प्रूव करता है, बढती उम्र में होने वाली परेशानियों को दूर करता है। जैसे मांसपेशियों में दर्द , हड्डियों में दर्द , जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है, नसों कि कमजोरी को दूर करता है। क्योंकि शिलाजीत में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, कोलेस्ट्राल को कम करता है।
यह हमारे इम्युनिटी को बूस्ट करता है । इसमें मौजूद खनिज तत्व शरीर की कमी को पूरा करते हैं। “जिसकी वजह से शरीर कि गर्मी बढ़ने से ब्लड सर्कुलेशन तेज़ हो जाता है। अलज़ाइमर, डिप्रेशन और दिमाग़ के लिए लाभदायक होता है।