60-70 के दशक को बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री का सुनहरा दौर माना जाता है, साफसुथरी फिल्मे, सदाबहार गाने, एक से बढ़कर एक टेलेंटेड और खुबसुरत एक्टर-एक्ट्रेसेस इंडस्ट्री को चार चाँद लगा देते थे। जहाँ आज के यंगस्टर्स भी उस दौर के फिल्मो को बड़े चाव से देखना पसंद करती हैं। इसी कड़ी में उस दौर में एक हसीन एक्ट्रेस का बॉलीवुड में बड़ा जलवा हुआ करता था, उनके तीखे नयननक्श दर्शकों के दिलो में सीधा उतर गये थे, जहाँ उनके खाते में बड़े बड़े सितारों के साथ कई हिट फिल्मे हैं तो उस सुनहरे दौर के कई खुबसूरत नगमे भी उनपर फिल्माए गये हैं।
आओ हुजुर… कजरा मोहब्बत वाला… बेखुदी में सनम… तुमसे अच्छा कौन है… जब होंगे साठ साल के… जनम जनम का साथ और भंवरे की गुंजन जैसे गानों में नजर आने वाली ये अदाकारा है बबिता शिवदासानी, जो बाद में बन गयी थी बबिता कपूर।
फिल्मो की कामयाबी ने बबिता को इंडस्ट्री में एक बड़ा मुकाम दिलाया, पर तभी बबिता को प्यार हो गया लेकीन इसके लिए उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। अपने जिस प्यार को पाने के लिए बबिता ने स्टारडम शोहरत और रुतबा सबको दरकिनार कर दिया था, उसी की वजह से बबिता को काफी तख्लिफों का सामना करना पड़ा था।
आज के इस लेख में हम बबिताजी की फ़िल्मी करियर और उनकी जिंदगी से जुडी सभी पहलूओं के बारे में जानने वाले हैं …..
फ़िल्मी करियर
बबिता का पूरा नाम बबिता हरी शिवदासानी है। सिन्धी परिवार से ताल्लुक रखने वाली बबिता के पिता हरी शिवदासानी भी एक एक्टर थे और मशहूर एक्ट्रेस साधना रिश्ते में बबिता की कजन थी। 20 अप्रेल 1947 को जन्मी बबिता का परिवार मूलतः पाकिस्तान से था, भारत पाकिस्तान बंटवारे के वक़्त उनका परिवार भारत आ गया। बबिता के पिता हरी शिवदासानी फिल्मो में केरेक्टर आर्टिस्ट थे, जिसकी वजह से उनके घर पर फिल्म वालों का आना जाना लगा रहता था।
बबिता को फिल्मो में पहला ब्रेक भी बड़ी आसानी से मिल गया था, मशहूर फिल्म मेकर जीपी सिप्पी एक दिन बबिता के घर आये हुये थे, जीपी सिप्पी ने जैसे ही बबिता को देखा ‘राज फिल्म के लिए राजेश खन्ना के अपोजिट बबिता को कास्ट कर लिया। हालाँकि राज फिल्म से पहले ही उनकी संजय खान के साथ फिल्म ’10 लाख रिलीज हो गयी। ये फिल्म ज्यादा कामयाब तो नही हुयी, लेकीन इस फिल्म से बबिता के फ़िल्मी सफ़र का आगाज हो गया। अगले ही साल 1967 में रिलीज हुयी फिल्म ‘राज ने उन्हें बड़ी पहचान दिलाई, बबिता ने अपने फ़िल्मी करियर में मात्र 19 फिल्मे ही की हैं।
बबिता की कई यादगार फिल्मे दर्शकों के सामने आई जिनमे किस्मत, तुमसे अच्छा कौन है, हसीना मान जाएगी, अनजाना, कब क्यूँ और कहाँ, और पहचान जैसी फिल्मो का नाम खासतौर पर शुमार है, बबिता को लगातार काम मिल रहा था। इसके बाद बबिता को शम्मी कपूर, राजेंद्र कुमार, धर्मेन्द्र, जीतेन्द्र जैसे दिग्गज सितारों के साथ काम करने का मौका मिला, इन सितारों के साथ बबिता की जोड़ी को दर्शको ने खूब पसंद किया और बबिता का करियर चल निकला। जीतेन्द्र के साथ फिल्म ‘फर्ज ने सफलता के कई रिकॉर्ड कायम किये।
बबिता और जीतेन्द्र की जोड़ी को परदे पर बेहद पसंद किया गया, दोनों ने फर्ज के अलावा औलाद, अनमोल मोती, बनफूल और एक हसीना दो दीवाने में साथ काम किया था। बबिता बॉलीवुड की बेहद ग्लेमरस और बोल्ड एक्ट्रेसेस रही, फिल्मो में उन्हौने स्विमिंग सीन भी दिए थे, जब बबिता के मेहनत का असर दिखने लगा था, दुनिया उन्हें जानने लगी थी तभी उन्हें प्यार हो गया, और प्यार ने तो जैसे उनके फ़िल्मी करियर पर फूल स्टाप ही लगा दिया।
प्रमुख फ़िल्में
वर्ष फ़िल्म
1972 एक हसीना दो दीवाने
1971 कल आज और कल
1971 बनफूल
1971 बिखरे मोती
1970 पहचान
1969 डोली
1969 अनमोल मोती
1969 तुमसे अच्छा कौन है
1969 एक श्रीमान एक श्रीमती
1969 अंजाना
1968 औलाद
1967 फर्ज़
1966 दस लाख
निजी जीवन
उन्हौने इंडस्ट्री में अपने करियर के चरम पर फ़िल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया था। वजह थी रणधीर कपूर से शादी।
1971 में बबिता के करियर एक अहम् फिल्म कल आज और कल रिलीज हुयी थी इसमें उनके अपोजिट राज कपूर के बेटे और एक्टर रणधीर कपूर हीरो थे, इस फिल्म के दौरान दोनों में प्यार हो गया पर समस्या ये थी की रणधीर पंजाबी थे तो बबिता सिन्धी परिवार से ताल्लुक रखती थी और दूसरी बात ये वो दौर था जब कपूर खानदान में किसी ने भी एक्ट्रेस से शादी नही की थी। जाहिर है की बबिता और रणधीर का ये रिश्ता इस नियम के खिलाफ था इसलिए अरसे तक रणधीर और बबिता गुपचुप रूप से अपनी लव स्टोरी को आगे बढ़ाते रहे, हालाँकि बबिता ने कह दिया था की अगर रणधीर कपूर उनसे शादी नही करते तो वो उन्हें भूल जाये लेकिन रणधीर कपूर ने बबिता से ही शादी करने की ठान ली थी। कहा जाता है की बबिता से शादी करने के लिए रणधीर ने अपने परिवार से काफी लड़ाई लड़ी थी। रणधीर ने अपने पिता राज कपूर से शादी की बात की, राज कपूर बबिता को अपनी फिल्मो की हिरोइन तो बनाने को तैयार थे पर घर की बहु नही, लेकिन रणधीर ने अपनी जिद के आगे इस परंपरा को बदल दिया। रणधीर कपूर शादी करने से पहले बबिता इंडस्ट्री का जाना माना चेहरा बन चुकी थी, लेकिन शादी के लिए उन्हें फ़िल्मी परदे से दूर होना पड़ा, दरअसल राज कपूर ने ये शर्त रखी की रणधीर से शादी करने के लिए बबिता को एक्टिंग छोडनी होगी, बबिता रणधीर से बेहद प्यार करती थी तो उन्हौने ये शर्त मान ली और 6 नवम्बर 1971 को दोनों ने शादी कर ली।
शादी के बाद बबिता और रणधीर के जिंदगी में सबकुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन रणधीर का फ़िल्मी करियर धीरे धीरे ख़तम होने की तरफ बढ़ने लगा। उसी दौरान 1974 में उनकी बेटी करिश्मा का जन्म हुआ, रणधीर 80 के दशक तक फिल्मे करते रहे, हालाँकि उनकी कोई भी फिल्म हिट साबित नही हो रही थी। रणधीर शराब के नशे में दुबे रहने लगे, रणधीर के शराब पिने की आदत से बबिता नाराज रहने लगी।
1980 में उनकी दूसरी बेटी करीना का जन्म हुआ, दो दो बेटियों की परवरिश के लिए बबिता को अब पैसों की परेशानी रहने लगी, जिससे बबिता रणधीर के रिश्ते में दरार आ गयी। बबिता ने तो अपना फ़िल्मी करियर छोड़ ही दिया था लेकिन वो अपनी बेटियों को एक्ट्रेस बनाना चाहती थी, पर इस बात के लिए रणधीर कपूर तैयार नही थे। लेकिन बबिता ने ठान लिया था की वो अपनी बेटियों को एक्ट्रेस ही बनाएगी। इस बात पर रणधीर और बबिता का रिश्ता टूटने की कगार पर आ गया, जिसके बाद साल 1988 में बबिता ने उनसे अलग होने का फैसला कर लिया और उन्हौने रणधीर को अपने अपार्टमेन्ट से जाने तक के लिए कह दिया था। रणधीर अपने पेरेंट्स के साथ रहने लगे जबकि बबिता अपने दोनों बेटियों करिश्मा और करीना के साथ रहने लगी, हालाँकि दोनों ने तलाक नही लिया था।
बबिता अपने दोनों बेटियों का करियर बनाने में लग गयी। बबिता ने कपूर खानदान के खिलाफ जाते हुए अपने दोनों बेटियों को एक्ट्रेस बनाया। 1991 में करिश्मा कपूर ने बॉलीवुड में डेब्यू किया, बबिता की वजह से करिश्मा कपूर, कपूर खानदान की ऐसी पहली एक्ट्रेस बनी जिन्हौने फिल्मो अपना करियर चुना। साल 2007 में बबिता और रणधीर के रिश्ते पहले से सुधरने लगे। बेटियों का करियर बनाने की वजह से बबिता को 19 साल तक रणधीर से अलग रहना पड़ा, अब दोनों साथ में रहने लगे हैं, भले ही बबिता का करियर मात्र 19 फिल्मो तक ही सिमटकर रह गया हो लेकिन एक माँ के रूप में उनके अपने फैसले की वजह से उनकी दोनी बेटियाँ इंडस्ट्री की टॉप की एक्ट्रेसेस बनी।
करिश्मा कपूर जहाँ 90 के दशक की नम्बर वन हिरोइन रही तो करीना आज भी इंडस्ट्री की सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाली अदाकारा हैं, बबिताजी आज एक खुशहाल जीवन बिता रही हैं ………
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