Top 8 Vegetables For Diabetes.:-
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको 8 ऐसे सब्जियों के बारे में बताने वाले है। जिसका इस्तेमाल करके आप अपने शरीर में डाइबिटीज को कण्ट्रोल कर सकते हो। इसके अलावा आप अपने शरीर की बहुत सारी बिमारियों को दूर कर सकते हो। अगर आप डाइबिटीज पेशेंट हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत खास है।
डायबिटीज पेशेंट के लिए ये 8 सब्जियां हैं बहुत फायदेमंद। (These 8 restaurants are very attractive for patients)
आइये जानते हैं इन सब्जियों के बारे में।
ब्रोकली ..
दोस्तों ब्रोकली में सल्फोरापेन नाम का एक केमिकल होता है जो ग्लूकोज लेवल को कम करने में सहायता करता है। सल्फोरापेन लिवर में बनने वाले उन एम्जाइमस को दबाता है जो ग्लूकोज के उत्पादन को बढ़ाते हैं। ब्रोकली खाने से कैंसर का ख़तरा कम होता है। ब्रोकली में ल्यूटिन और जिकजेंथिन होता है ये दोनों आखों की बिमारियों से बचाते हैं।
ब्रोकली में फाइबर ज्यादा होता है और कार्बोहाइड्रेट काफी कम होते हैं। इसका ग्लास्मिक इंडेक्स काफी कम होता है और इसमें केलोरिज की मात्रा भी कम होती है। ब्रोकली शरीर में डाइबिटीज से होने वाले सेल डेमेज से बचाती है। ब्रोकली में विटामिन A और विटामिन C काफी ज्यादा मात्रा में होता है।
भिन्डी ..
भिन्डी ब्लड शुगर लेवल को इम्प्रूव करती है। भिन्डी के बीजों का उपयोग टर्की में डाइबिटीज का इलाज करने के लिए बहुत लम्बे समय से किया जा रहा है। भिन्डी में पोटेशियम विटामिन बी, विटामिन सी, फोलिक एसिड्स और कैल्शियम होता है। भिन्डी में केरोरिज कम फाइबर ज्यादा होता है। भिन्डी तीनो तरह की डाइबिटीज में टाइप 1 ,टाइप 2 और गर्भावस्थाजन्य मधुमेह (Gestational diabetes) गेस्टेस्नल डाइबिटीज में ब्लड शुगर को मेनेज करने में सहायता करती है।
भिन्डी का शरीर के ऊपर एंटी स्ट्रेस इफ़ेक्ट होता है। यह स्ट्रेस को कम करती है और मेंटल हेल्थ को बढाती है ,भिन्डी में पाया जाने वाला फाइबर और एंटी अक्सिडेंट कोलेस्ट्राल को कम करते हैं। भिन्डी का शरीर के ऊपर Anti-Fatigue होता है यानि भिन्डी खाने से थकान कम होती है।
टमाटर ..
दोस्तों टमाटर में कार्बोहाइड्रेड की मात्रा बहुत ही कम होती है। टमाटर में स्टार्च नहीं होता और टमाटर का ग्लास्मिक इंडेक्स भी कम है। टमाटर में कैलोरीज भी बहुत ही कम होती है। इसलिए टमाटर शुगर लेवल को नहीं बढाता। टमाटर में पोटेशियम, विटामिन c फोलेट , विटामिन k और लाइकोपिन होता है। लाइकोपिन हार्ट डिजीज के खतरे को कम करता है।
टाइप 2 डाइबिटीज वाले व्यक्ति को हार्ट डिजीज होने का ख़तरा काफी ज्यादा होता है। लाइकोपिन प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को भी कम करता है। टमाटर खाने से आखों की रौशनी भी बढती है,अगर हर रोज 200 ग्राम कच्चा टमाटर खाया जाय तो यह डाइबिटीज वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है।
पालक ..
दोस्तों पालक डाइबिटीज के लिए बहुत ही ज्यादा अच्छी होती है। अगर आप इसे ज्यादा मात्रा में भी खायेंगे तब भी ये शुगर लेवल को नाममात्र ही बढाती है। पालक में जो फाइबर होता है वह आसानी से हजम नहीं होता। इसलिए पालक खाने से शुगर लेवल एकदम से बिलकुल नहीं बढ़ता ,पालक में कार्बोहाइड्रेड की मात्रा में बहुत कम होती है और इसमें स्टार्च बिलकुल भी नहीं होता। पालक में कैलोरीज की मात्रा बहुत ही कम होती है ,इसलिए पालक खाने से शुगर नहीं बढता, पालक में ल्युटेंन, फोलेट आयरन और कैल्शियम होता है।
हरी फलियाँ ..
हरी फलियों का ग्लिस्मिक इंडेक्स और ग्लिस्मिक लोड दोनों कम होते हैं इसलिए यह दूसरी स्टार्च वाली सब्जियों के मुकाबले डाइबिटीज को अच्छे ढंग से मेनेज कर पाती हैं। हरी फलियां में प्रोटीन और फाइबर होता है जिसकी वजह से आपको इन्हें ज्यादा से ज्यादा अपने डाईट में शामिल करना चाहिए।
हरी फलियों के अन्दर जो सोलुबल फाइबर होता है बह आंतों के अन्दर रहने वाले वाले अच्छे बक्टिरियां को बढाता है। जिससे आंतों की सेहत में सुधार होता है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस में कमी आती है। इन्सुलिन रेजिस्टेंस में कमी आने से इन्सुलिन अपना काम ज्यादा अच्छे तरीके से कर पाती है। हरी फलियों में काम्प्लेक्स कार्बोहाईद्रेड होते हैं, काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेड सिंपल कार्बोहाइड्रेड की तुलना में धीरे धीरे हजम होते हैं। जिसकी वजह से ये शुगर लेवल को तेजी से नहीं बढ़ाते। हरी फलियों में बहुत सारे मिनरल्स फाइटोन्युत्रियंट्स होते हैं। हरी फलियों में विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K, आयरन, क्लोरोफिल और फोलिक एसिड होता है। हरी फली को खाने से फर्टिलिटी बढती है और हरी फलियों में एंटी कैंसर गुण होते हैं।
कच्चा प्याज ..
ताजे कच्चे प्याज को अपने डाईट में शामिल करने से टाइप 1 डाइबिटीज और टाइप 2 डाइबिटीज दोनों में शुगर लेवल कम होता है। प्याज में कई तरह के फ्लेवोनाइड होते हैं जो शुगर को कण्ट्रोल करने में मदद करते हैं। यह फ्लेवोनाइड इम्युनिटी को भी बढ़ाते हैं। कच्चे प्याज में पाए जाने वाले क्वार्सटिन और सल्फर कंपाउंड का बॉडी के ऊपर एंटी डाइबिटीक प्रभाव पड़ता है। क्वार्सटिन बॉडी में जाकर कोशिकाओं के साथ छोटी आंत के साथ पेंक्रीयाज के साथ फैट टिसुस के साथ और लीवर के साथ इंटरेक्ट करता है और पूरे शरीर में ब्लड शुगर को रेगुलेट करता है।
कच्चे प्याज में फाइबर काफी ज्यादा होता है और कार्बोहाइड्रेटस काफी कम होते हैं। कच्चे प्याज का ग्लिस्मिक इंडेक भी बहुत ही कम ही होता है। इन सब बातों के कारण प्याज शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता। कच्चे प्याज में बहुत सारे फाइटोन्युत्रियंट्स, विटामिन c , विटामिन बी 6 ,पोटेशियम , मैग्निज, बायोटिन और ओमेगा 3 फैटी एसिड्स होते हैं।
पत्ता गोभी ..
पत्ता गोभी खाने से टाइप 2 डाइबिटीज होने का ख़तरा कम होता है। जो लोग हरी पत्तेदार सब्जियां ज्यादा खाते हैं उन्हें टाइप 2 होने का ख़तरा 14 % कम होता है। पत्ता गोभी में बहुत सारे एंटी अक्सिडेंट होते हैं और पत्ता गोभी में एंटीहाइपरग्लिस्मिक गुण होते है। जिसके कारण ये डाइबिटीज के लिए एक दवा की तरह काम करती है।
पत्ता गोभी खाने से शुगर लेवल कम होता है और शुगर में उतार चढाव कम होते हैं। पत्ता गोभी में केलोरिज बहुत कम होती है और फाइबर बहुत ज्यादा होता है। इसका ग्लिस्मिक इंडेक्स भी कम होता है, इसलिए पत्ता गोभी को जितना खा सकते हैं खाइए। पत्ता गोभी किडनी फंक्शंस को इम्प्रोव करती है। जो डाइबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए एक अच्छी बात है।
करेला ..
करेले में काफी मात्रा में एंटी डाइबिटीक गुण होते हैं। करेले में एक तत्व होता है, जिसका नाम है चरेंटिन। यह तत्व ब्लड ग्लूकोज को कम करता है ,करेले में इन्सुलिन मिलता जुलता एक पदार्थ होता है। जिसका नाम है पोलिपेप टाईटपी इस पदार्थ को वैज्ञानिक पी इन्सुलिन भी कहते हैं। यह पदार्थ नेचुलरली डाइबिटीज को कण्ट्रोल करता है।
करेला आपके शरीर मे पाई जाने वाली इन्सुलिन को एक्टिव कर देता है यानि सक्रीय कर देता है। इससे आपके खून में मौजूद शुगर का इस्तेमाल हो जाता है और वह चर्बी में नहीं बदलती। इससे आपका वजन भी कम हो जाता है। करेले में विटामिन c , विटामिन a विटामिन e , विटामिन बी 1 होता है। करेले में मिनरल्स भी होते हैं, जैसे पोटेशियम, कैल्शियम, जिंक मग्निशियम फास्फोरस और आयरन, करेले में बहुत सारे अलग अलग तरह के एंटी अक्सिडेंट भी पाए जाते हैं।
अगर आप इन सभी सब्जियों को अपने डाईट में शामिल करते हैं तो आपको अपने डाइबिटीज को मेनेज करने में आसानी होगी।