What is the Weight of Earth.:-मेरे प्यारे पृथ्वी वासी क्या आप जिस ग्रह पर रह रहे हो जानते हो इसका वर्थ यानि मूल्य क्या है। आप जिस घर में रहते हो उसका एक दाम होता है मार्किट प्राइस जिस रेट में आप उसे बेच सकते हो अगर आप बेचना चाहो तो।
वैसे ही क्या लगता है हमारे इस पृथ्वी का क्या दाम होगा। सोचो पृथ्वी में कई सारे रिसौर्सेस हैं। जैसे पानी पेड़ पौधे सोना चांदी आदि और इस सभी को ध्यान में रखते हुए। रेट डीसाइड करना होगा।

तो ये काम हिस्टरी चैनल ने आसान कर दिया। कयोकि उनके कैलकुलेशन के हिसाब से उन्होंने पृथ्वी के सारे रिसोर्सेस और उनकी क्वांटिटी आज के मार्किट रेट से मल्टीप्लाई किया और जो आंकड़ा आया वो था।
ये जो है 7 quadrillion dollars लेकिन ये तो सिर्फ हम रिसोर्सेस के दामो कि बात कर रहे हैं।
क्या अगर हम पृथ्वी पर जितने भी एलिमेंट्स हैं जैसे Oxygen, हाईड्रोजन उरेनियम इत्यादि की क्वांटिटी का अंदाज़ा लगाये। और उनके मार्किट प्राइस से मल्टीप्लाये करें तो क्या मूल्य होता है हमारे इस ग्रह का?
वो आंकड़ा आता है 15.8 Billion Trillion dollar, पुरे दुनिया का ही GDP आज सिर्फ 75 trllion dollars है। हमारे पृथ्वी का मूल्य आखिर 15.8 Billion Trillion Dollars है और अगर एक एलियन को हमारे ग्रह को खरीदना होगा तो उसे एटलिस्ट हमें इतने डोल्लेर्स (Dollars) तो देने ही होंगे लेकिन ये एक अंदाज़न अमाउंट है। जैसे आप जानते हो कि किसी भी चीज़ का दाम बहुत सारे रीज़न पर डिपेंड करता है।

जिसमे सबसे इम्पोर्टेंट है डिमांड और सप्लाई जैसे आज के समय कि सबसे महँगी पेंटिंग है। मोनालिसा की इसके आर्टिस्ट Leonardo da vinchi है। जिन्होंने मोनालिसा की पेंटिंग बनाई थी। इस पेंटिंग का नाम है Salvator Mundi और ये 2007 में ही खरीदी गयी थी। सऊदी प्रिंस द्वारा 450 Million डॉलर के प्राइस में इसे बेचने वाला Dmitry Rybolovlev खुद ही एक रसियन बिलियनर बिजनेसमैन था।
क्या ये पेंटिंग जिन Atoms या Molecules से बनी है वो पृथ्वी में नहीं पाए जाते? या फिर ये बिजनेसमैन उस पेंटिंग को पूरा दिन निहारना चाहते हैं।
ना ये खरीद रहे है ताकि ये इनमे पैसे इन्वेस्ट कर सके। जिसे रीसेल करे और प्रॉफिट अर्न कर सके और ये सिर्फ इसीलिए हो पा रहा है। क्यूंकि इस चीज कि डिमांड बहुत हाई है और पुरे दुनिया में सिर्फ और सिर्फ एक ही इकलोती ओरिजनल पेंटिंग है।
तो इसे हम कह सकते हैं कि हमारे पृथ्वी का मूल्य भी काफी हद तक उनके Constituents के अवैलाबिलिटी और सप्लाई पर डिपेंड करेगा और इसीलिए इसका दाम Fixed नहीं हो सकता। मगर दोस्तों हमारे पृथ्वी का वजन ये तो फिक्स्ड हो सकता है ना क्या लगता है।

वैसे किसी भी चीज का वजन उसके मेस याने द्रव्य पर पड़ते ग्रेविटी का एक्सिलिरेशन होता है। तो अलग अलग जगहों पर सेम चीज का वजन अलग अलग हो सकता है। डीपेंडिंग कितनी ग्रेविटी उस पर एक्ट कर रही है और बिलकुल इसीलिए अगर आपका वेट पृथ्वी पर है 80 किलों चाँद पर होगा। सिर्फ 13 किलो आपका मैस यानि आपके अन्दर मौजूद मैटर कि मात्रा तो सेम ही रहने वाली है।
थ्रू आउट उनिवेर्स तो इसीलिए हमें पृथ्वी का मेस मेज़र करना चाहिए। अगर आप पृथ्वी द्वारा प्रभावित किये गए ग्रेविटी के असर को माप सके और जिस ऑब्जेक्ट पर प्रभाव अपना छोड़ रहा है। उसके मेस के बारे में हमें पता चल सके तो हम कुछ ब्रिलियंट कैलकुलेशन से भी पृथ्वी का मेस निकाल सकते हैं। तो वो दुसरे ऑब्जेक्ट को हम पोलिंग बॉल ले सकते हैं।
इसका मेस हमें ओबिओसली पता है और क्यूंकि हमें फार्मूला चलाना होगा जो है। {F =G gravity constant [M 1 *M2/R 2 तो हमें R याने अर्थ का RADIUS भी चाहिए होगा जो है 6400 किलोमीटर और F है जैसे हमें पता है। 9.8 M/sec2 और finaly G= gravitational constant जो है। वो है 6.67259*10 -11 M3/KGS2 तो ये सभी आंकडे इस फार्मूला में डालने के बाद हमें मिलता है।

पृथ्वी के मेस का मेजरमेंट जी finly आता है 6 *10 24 किलोग्राम्स और आंकड़ो में ये चीज कुछ ऐसी दिखती है। जो है 7 सेप्टिलीयन किलोग्राम अमेजिंग राइट इतने भारी पृथ्वी को कोई भी परेशानी नहीं होती moon जैसी विशाल ऑब्जेक्ट को अपनी gravity के कैद मै रख पाने में लेकिन फ्रंड क्या आपको पता है। आज तो मून ही हमारा एकलोता नेचुरल सेटेलाइट है।
अगर September २००६ से 2007 तक पृथ्वी के एक चाँद नहीं दो चाँद थे। जी हाँ राइट दूसरा moon जिसका नाम था RH 120 पृथ्वी के अराउंड 4 चक्कर मारे और फिर अपने ऑर्बिट से खुद ही चल दिया।
ऐसे कई सारे मून्स इतिहास में पृथ्वी का साथ कुछ दिनों या महीनो के लिए निभाते रहे हैं। और आगे भविष्य में भी ऐसा होते ही रहेगा। कितने सारे मून्स को हम डिटेक्ट भी नहीं कर पाते क्योंकि ओ आकर में बहुत छोटे होते हैं। आपके इस दुनिया को बेहतर समझने के इस सफ़र में और आपके लिए आगे भी बिलकुल ऐसे ही इंट्रेस्टिंग आर्टिकल लाते रहेंगे।