Benefits of Acacia Pods.:-दोस्तों आज के इस ख़ास आर्टिकल में हम एक ऐसे पेड़ के बारे में जानने वाले हैं। जो की औषधिये गुणों का भण्डार है। चाहे इसकी पत्तियां हो, चाहे इसकी फली हो चाहे इसकी छाल हो।
कहीं मिल जाए बबूल की फली तो अपने साथ ले आए इसके फायदे किसी चमत्कार से कम नहीं
और यह पेड़ आपके घर के आसपास बहुत ही आसानी से मिल जाएगी। खासकर के जो गाँव में रहते हैं उन्हें इस पेड़ के बारे में बहुत अच्छे से पता है। जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहे हैं बबूल के पेड़ के बारे में, ये कांटेदार वृक्ष होता है। वैसे तो हमारे भारत देश में हर जगह देखने को मिल जाता है।

गुच्छों में इसमें फल लगते हैं, ये कुछ इस तरह से बबूल की फली होती है। आपके घर के आसपास भी बबूल का पौधा लगा होगा आप इसे अच्छे से पहचान लेंगे।
आज हम जानेंगे बबूल की जो फली होती है। वह किन किन बिमारियों में फायदेमंद है।
यदि कही आपको इसकी फलियों मिल जाती हैं। तो तोड़कर आप अपने पास रख लीजिये और सुखा लीजिये इसको कैसे इस्तेमाल करना है। किन बिमारियों में इस्तेमाल करना है। ये सारी चीजें इस आर्टिकल में आगे जानने वाले हैं साथ ही आप देख सकते हैं। बबूल की इस तरह की ताजी पत्तियां होती है साथ ही इसके फूल पीले और चंमकदार होती हैं। दिखने में बहुत सुन्दर लगते है इसका जो फल होता है।
दोस्तों 10 से 15 सेंटीमीटर लम्बी इसकी फलिया होती है। जब यह फलियाँ पक्क़र सुख जाती हैं ब्राउन यानि भूरे कलर की हो जाती हैं। इसकी फलियों को पीसकर पावडर बनाया जाता है जो कि जोड़ो के दर्द से हमें आराम दिलाता है। इसके पत्तियां, फल और इसके छाल बहुत ही फायदेमंद हैं। बबूल पेड़ के छाल से जो गोंद निकलता है। जिसे हम बाबू का गोंद कहते हैं औषधीय गुणों से भरपूर बहुत ही शक्ति वर्धक होते हैं।
इसकी फलियों को पीसकर बने पावडर से गठिये के रोग में इस्तेमाल किया जाता है। आप भी अगर गठिया रोग के कारण दर्द से परेशांन हैं। तो आप एक बार जरूर इस्तेमाल करें। इसके इस्तेमाल से पूराने से पुराना जोड़ों के दर्द से बहुत जल्दी आराम मिलने लग जायेगा।

इसके अलावा आप इसकी पत्तियों को सुखाकर इसका पावडर बना सकते हैं। साथ ही इसकी पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले ठीक होते हैं। खून आ रहा है, मसूड़ों में सुजन आ गयी है तो इसके पत्तियों को चबा लें और इसके रस को कुछ देर मुंह में रखकर थूक दें।
आपने देखा होगा आजकल बबूल के मंजन भी बहुत अधिक मात्रा में मार्किट में अवेलेबल हो गये हैं। इसके पत्तियों को और छाल को पीसकर इसका पावडर टूथपेस्ट में इस्तेमाल किया जाता है। तो इससे मुंह से रिलेटेड सारी बीमारी दूर होती हैं। दाँतों का कालापन, पीलापन, मुंह से आ रही बदबू, पायरिया की समस्या से छुटकारा मिलता है।
बात करते हैं बबूल के टहनियों की तो आपने देखा होगा हमारे दांतों में अक्सर दर्द होता है। मसूड़ों से खून आता है। मसूड़ों में सुजन हो जाती है, यहाँ तक दांतों में कीड़े लग जते हैं। ऐसे में अगर आप बबूल की टहनी की दातून करते हैं। तो दांतों के दर्द से आपको बहुत जल्दी ही आराम मिलता है।
इसके दातून औषधीय गुणों से भरपुर होता है। इसके इस्तेमाल से दांतों से मसूड़ों से सम्बंधित सारी बीमारियाँ छु मंतर हो जाती है। इसलिए आज भी गाँव के अधिकतर लोग बबूल की ही दातून करना पसंद करते हैं।
साथ ही इस पेड़ से निकलने वाली गोंद यानि बबूल गोंद को खाने से शारीरक कमजोरी दूर होते हैं। ,शारीरिक दुर्बलता दूर होती हैं, शरीर में हमेशा एनर्जी बनी रहती हैं। साथ ही चेहरे में चमक आती है ग्लो रहता है। इसके और भी काफी सारे फायदे हैं।
दोस्तों बबूल की फलियों का पावडर बनाने का प्रोसेस बहुत लम्बा होता हैं। बबूल को सुखाएं, पीसे और पावडर बनाये इससे अच्छा है। आप मार्किट से आयुर्वेदिक स्टोर से इसकी बनी बनाये पावडर खरीद सकते हैं।

ये आप देख सकते इसका पावडर कुछ इस तरह का दिखाई देगा। आप इसको वन वीक इस्तेमाल करके देखें। आपका पुराने से पुराना घुटनों का दर्द हो कमर का दर्द हो। हड्डियों की कमजोरी हो पूरी तरह से ठीक हो जायेगा। इसके इस्तेमाल से हड्डियाँ मजबूत हो जाएगी क्योंकि इसके अन्दर भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है।
इसका इस्तेमाल कैसे करना है आइये जानते हैं।
इसके लिए आप आधा ग्लास की मात्रा में पानी ले लें। इस पानी में आप एक छोटी चम्मच बबूल की फली का पावडर डाल दें और अच्छे से मिक्स कर दें। फिर आपको इस पानी को पी लेना है।
इससे आपका पुराने से पुराना गठिया रोग, जोड़ों में घुटनों में पीठ व कमर दर्द पूरी तरह से ठीक होने लग जायेगा।
तो अब जान गये होंगे कि बबूल की पत्ती, बूबुल के टहनी का दातुन और बबूल के गोंद शरीर के लिए किस तरह से फायदेमंद हैं।