High Cholesterol: HIgh Cholesterol
दोस्तों हाई ब्लड कोलस्ट्रोल एक ऐसी प्रोब्लम है, इसने आज पूरी दुनिया को प्रभावित कर रखा है ,मनुष्य में फैलने वाली यह सबसे तेज बीमारी मानी जाती है, क्योंकि कोलस्ट्रोल जैसे विषय के बारे में अक्सर लोगो को जानकारी नही होती है और शरीर में धीरे धीरे बढ़ रहे कोलोस्ट्राल के लक्षणों को वह लगातार नज़रअंदाज़ कर रहे होते है
ऐसे में हो सकता है। कि इस वक़्त आपके शरीर में भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ हो और आप भी इस बात से पूरी तरह अंजान हो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के स्टडी के मुताबिक ऐसे 10 कारण जिनकी वजह से पूरे विशव में हर साल सब से ज्यादा लोग अपनी जान गवा देते है

इस लिस्ट में सबसे ऊपर इस्कीमिक हार्ट डिसिस (ischemic heart dease) है इस बीमारी में दिल तक खून और ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं जा पाता और किसी भी वक़्त हार्ट अटैक आने का ख़तरा बना रहता है इस तरह के बिमारियों के पीछे बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राल ही सबसे मुख्य वजह होती है, केवल अकेले भारत में ही हर साल लगभग 12 लाख से भी ज्यादा लोगों को दिल की बीमारी के चलते मौत हो जाती है जिनमे 19 साल से लेकर 70 साल के उम्र के लोग शामिल हैं
कोलेस्ट्राल क्या होता है? आखिर हमारे शरीर में यह बढ़ता कैसे है और किस तरह घर पर ही यह पता लगया जा सकता है कि शरीर में कोलेस्ट्राल बढ़ा हुआ है या नहीं , कोलेस्ट्राल मोम की तरह एक चिकना पीले कलर का पदार्थ होता है जो कि हमारे शरीर के लिए खून जितना ही जरूरी होता है
क्योंकि कोलेस्ट्राल से लीवर में बाइल एसिड का निर्माण होता है जिससे भोजन पचने में हेल्प मिलती है यह धुप से शरीर को विटामिन डी बनाने में भी मदद करता है और इसी की वजह से शरीर में सेक्स होरमोंस भी सही तरीके से बन पाते हैं इसलिए कुल मिलाकर देखा जाये तो कोलेस्ट्राल शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है, इसलिए 70 % कोलेस्ट्राल खुद हमारे लीवर द्वारा बनाया जाता है और केवल 30 % हमें भोजन से मिलता है

कोलेस्ट्राल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं LDL और HDL, HDL यानि की हाई डेंसिटी लिपोप्रोटिन अच्छा कोलेस्ट्राल होता है और LDL यानि की लो डेंसिटी लिपोप्रोटिन को बुरा कोलेस्ट्राल माना जाता है, क्योंकि यही वो कोलेस्ट्राल है जो कि हमारी आर्टरीज यानि की धमनियों में जमने लगता है ऐसी चीजें जिनमे LDL की मात्रा अधिक होती है उनका सेवन करने से शरीर में बेड कोलेस्ट्राल बढ़ने लगता है, सबसे ज्यादा LDL DEEP FRIED चीजों और NONVEG में पाया जाता है, यानि की तला हुआ, नोंवेज शरीर में कोलेस्ट्राल को सबसे तेजी से बढाता है,
इसके अलावा मैदा, घी, बटर वेजिटेबल आयल या डालडा, केक, पेस्ट्री और मिठाई जैसी बहुत ज्यादा मीठी चीजें तले हुए स्नेक्स अंडे सिगरेट और शराब पिने से भी शरीर में कोलेस्ट्राल तेजी से बढ़ता रहता है, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राल शरीर में खून ले जाने वाली नसे यानि की आर्टरीज में जमा होने लगता है जिससे समय के साथ साथ नसों में प्रेशर और ब्लोकेज आने लगती है, सबसे ज्यादा कोलेस्ट्राल हमारे दिल में खून पहुचाने वाली कोरिनरी आर्टरीज और दिमाग की केरोटेड आर्टरीज में जमता है और इसी वजह से अचानक किसी भी वक़्त हार्ट अटैक और ब्रेन स्टोक आने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है
कई बार इन्सान दिखता तो स्वस्थ है लेकिन शरीर में बढ़ रहे कोलेस्ट्राल की वजह से वह अचानक दिल की बीमारीयों के चपेट में आ जाता है इसकी दो सबसे मुख्य वजह है एक हमारा लाइफ स्टाइल जिसमे किसी भी तरह का वर्क आउट शामिल नहीं है और दूसरा हमारा हैवी भोजन जो आसानी से पचता भी नहीं है और शरीर में चर्बी भी बढाता है, कुछ विशेष लक्षण होते हैं जो कि दिल की बिमारियों और शरीर में बढ़ रहे कोलेस्ट्राल के शुरुआती स्तर को दर्शाते हैं ऐसे लक्षणों को बिलकुल भी नजरंदाज नहीं करने चाहिये, शुरुआत में ही इस प्रोब्लम को गंभीरता से लेना चाहिए

अगर आप में या आपके परिवार या मित्रो में से किसी में भी इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो उन्हें तुरंत अपना कोलेस्ट्राल चेकअप करने की सलाह जरूर दें, कोलेस्ट्राल के बढ़ने से हमारे शरीर के अंगों तक खून पहुचाने वाली आर्टरीज सिकुड़ने लगती है जिसकी वजह से हमारी बॉडी मसल्स में ब्लड फ्लो कम होने लगता है, खासकर पैरों में …ऐसे में हाथ और पैर बार बार सुन्न होने लगते है, कई बार पैरीं में ऐठन बैठे बैठे या रात को सोते समय नस चढ़ जाती है, अक्सर पैरों में झुनझुनी या चीटी काटने जैसा महसूस होता है
इसके अलावा अगर आपके हाथ पैर अक्सर ठन्डे रहते हैं तो हो सकता है उनमे बढे हुए कोलेस्ट्राल की वजह से खून का बहाव ठीक तरह से नहीं हो रहा हो
कोलेस्ट्राल बढ़ने की वजह से हमारा शरीर भोजन से पोषक तत्वों को पूरी तरह ग्रहण नहीं कर पाता जिसकी वजह से धीरे धीरे शरीर में न्यूट्रीशंस की कमी आने लगती है और साथ ही हाई LDL कोलेस्ट्राल दिल तक खून पहुचने वाली नसों में प्लाक जमा कर देता है जिससे ब्लड फ्लो कमजोर हो जाता है ऐसे में जल्दी थकान ज्यादा पसीना आना और थोड़े से काम में ही जल्दी हांफ जाने जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं, जो लोग रोज रोज या ज्यादा थका हुआ महसूस करते हैं या जिन्हें लगातार आलस या सुस्ती आती रहती है उन्हें एक बार अपने खून में कोलेस्ट्राल की जांच जरूर करवा लेना चाहिए
अगर शरीर में HDL यानि की अच्छे कोलेस्ट्राल की मात्रा अधिक होती है तो यह चर्बी को बढ़ने से रोकता है और फैट को बर्न करने का भी काम करता है वही अगर LDL यानि बुरा कोलेस्ट्राल बढ़ जाये तो यह शरीर का वजन तेजी से बढ़ाने लगता है, इसलिए अक्सर ओवर वेट लोगों के शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा भी अधिक होती है और इन्हें दिल और दिमाग की बीमारियाँ होने का ख़तरा भी ज्यादा होता है

हालाँकि ऐसी और कई दूसरी प्रोब्लम होती है जिनमे सिने में दर्द होता है लेकिन शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राल भी कई बार चेस्ट पैन और एंजाइना होने की वजह बन सकता है, आर्टरीज में जमा फैटी सब्सटेंस खून के बहाव में रुकावट पैदा करता है जिसकी वजह से थोड़े थोड़े समय बाद चेस्ट वाले एरिया में दर्द भारीपन और अंदरूनी चुभन का अहसास होता है
शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राल दिल के साथ साथ दिमाग में खून पहुचाने वाली केरोटेड आर्टरीज पर भी असर डालता है जिसकी वजह से सर के पिछले हिस्से और आधे सर में अचानक दर्द होने लगता है, कई स्थितियों में शरीर में बढे हुए TRIGLISERIDS की वजह से माइग्रेन होने की समस्या भी होती है और कभी कभी चक्कर और घबराहट भी होती है
बड़ा हुआ बेड कोलेस्ट्राल दिल और फेफड़ों में खून के संचार को कमजोर बनाता है ऐसे में थोडा सा काम करने पर ही व्यक्ति जल्दी हांफने लगता है ज्यादा थका हुआ महसूस करता है और सांसे छोटी हो जाती है कई स्थितियों में साँस लेने की तखलीफ़ होने के साथ साथ कोलेस्ट्राल की वजह से ज्यादा पसीना आना और सांसों से लगातार बदबू भी आना शुरू हो जती है
रक्त में बढे हुए LDL का हमारे पाचन क्रिया पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है, लीवर में कोलेस्ट्राल बढ़ जाने की वजह से हमारा मेटाबोलिज्म कमजोर होने लगता है और जब हम बाहर का ज्यादा चर्बी पैदा करने वाली चीजें खाते हैं तो हमारा पेट फूलने लगता है खाना ठीक से नहीं पचता और बार बार पेट में गैस और कब्ज जैसे समस्याएँ होने लगती है इसके अलावा फ्रेश होते समय पतला मल निकलना भी शरीर में बढे हुए कोलेस्ट्राल का लक्षण माना जाता है
जब शरीर में लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन की मात्रा बढती है तो यहाँ आखों के आसपास हलके पीले रंग के दानो के रूप में दिखाई देने लगती हैं शुरुआत में यह बहुत छोटे होते हैं लेकिन धीरे धीरे यह आखों के आसपास फैलकर बड़े होने लगते हैं अगर सही समय पर इन पर ध्यान नहीं दिया जायं तो यह धीरे धीरे फैलने लगते है और इनमे दर्द होना भी शुरू हो जाता है, इस तरह के समस्या को जेंथिलाज्मा कहा जाता है
तो दोस्तों यह थे शरीर में बढे हुए बेड कोलेस्ट्राल के कुछ सामान्य लक्षण जिन्हें हमें कभी भी नजर अंदाज नहीं करने चाहिए