Muscle Spasms.:- दोस्तों कई बार काम करते समय, उठते-बैठते समय या अंगड़ाई लेते समय पैर की नस चढ़ जाती है।नस पर नस का चढ़ना काफी आम बात हो गई है. इससे भयंकर दर्द भी होता है। ऐसे में आप कुछ देसी उपाय अपनाकर इस दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
नस पर नस चढ़ना या माँस-पेशियों की ऐंठन का सबसे बड़ा कारण क्या होता है और उसको ठीक कैसे किया जाए।
नस चढ़ने की प्रोब्लम
दोस्तों आपने देखा होगा अक्सर सोते वक़्त या कभी कभी बैठे हुए भी पैरी में नस चढ़ने की प्रोब्लम हो जाती है। जिससे बहुत ही तेज दर्द होता है नसे में नस चड़ने की वजह से हम ठीक से खड़े ही नहीं हो पाते कई बार इसमें मांसपेशियां तेजी से सिकुड़ जाती है। इस दौरान मांसपेशियों में कठोर गांठ भी बन जाती है।
हालाँकि यह खतरनाक नहीं होता नस पर नस चढ़ने से कुछ देर के लिए ही नसे काम करना बंद कर देती है लेकिन कुछ मामलों में यह टेंशन का कारण बन सकता है। अगर आपको यह तखलीफ़ ज्यादा हो रही है तो आप इसे इग्नोर ना करें इसके कारणों को जानने की कोशिश कीजिये।
इसके कारणों की अगर बात करें तो शरीर में पानी की कमी ,ब्लड में सोडियम ,पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम की कमी होने के कारण भी हो सकती हैं। नस चढ़ने की प्रोब्लम तब होती है। जब हमारे शरीर के अन्दर विटामिन बी12, की कमी हो जाती है। पेशाब ज्यादा होने वाली डाययूरेटिक दवाओं जैसे लेसिक्स के सेवन करने के कारण ,पैर की धमनियों की अंदरूनी सतह में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से। इनके सिकुड़ने के कारण ब्लड सर्कुलेशन कम होने पर अत्यधिक सिगरेट, तंबाकू, शराब का सेवन करने या किसी भी तरह की इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकती है।
नसे सिकुड़ने लगती हैं सुस्त पड़ने लगती है। इसके साथ ही साथ इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है जिससे शरीर बिमारियों से लड़ नहीं पाता,और हम अक्सर बीमार होने लगते हैं। डाइबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर,थाईराइड ,हार्ट स्ट्रोक,किडनी प्रोब्लम आदि की वजहों के कारण,शरीर की नसें कमजोरी हो सकती है।
कब कहाँ कहाँ की नस चढ़ जाये इसका पता नहीं होता है। खासकर देखा जाये तो पैरों में यह प्रोब्लम ज्यादा देखा जाता है।
दोस्तों शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होना बहुत जरूरी है। नसे तभी तक अच्छे से काम करती है जब खून नसों में अच्छे से बहे नसों में इस तरह खून के बहने को बायो इलेक्ट्रिसिटी कहते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से में अगर ब्लड नहीं पहुंच रहा हो तो वह हिस्सा सुन्न हो जाता है। ऐठन होने लगती है,और उस जगह पर हाथ लगाने पर ठंडा महसूस होता है उस हिस्से में दर्द होने लगता है।
हमें पता कैसे चलेगा कि नस चढ़ गयी है इसके क्या लक्षण होते हैं।
हाथ पैरों में सुन्नपन्न होना,सोते समय यदि हाथ अथवा पैर सुन होने लगे, सोते हुए हाथ थोड़ा दबते ही सुन्न होने लगते हैं। कई बार एक हाथ सुन्न होता है, दूसरे हाथ से उसको उठाकर करवट बदलनी पड़ती है सीढ़ी चढ़ते हुए घुटने से नीचे के हिस्सों में खिचांव आना ,गर्दन को आगे-पीछे, दायीं बायीं ओर घुमाने में दर्द होना,चलने का बलेंस बिगड़ना, हाथ-पैरों का हिलते रहना, मांसपेशियों में ऐठन विशेषकर जांघ व घुटनों के नीचे में मसल क्रेम्प होना। रात को सोते समय पैरों में नस पर नस चढ़ना अर्थात् अचानक कुछ मिनटों के लिए तेज दर्द होना ये सारे लक्षण हो सकते हैं।
ऐठन की प्रोब्लम को कैसे घरेलु तरीके से ठीक कर सकते हैं
आइये अब जानते हैं नस चढ़ने व ऐठन की प्रोब्लम को कैसे घरेलु तरीके से ठीक कर सकते हैं नस चढ़ने वाली जगह पर स्ट्रेच करें और हलके हाथों से मालिश करें। वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैर में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए। शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
अगर आपका वजन ज्यादा है तो इसे घटाएं, रोज सैर पर जाएं या जॉगिंग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं फाइबर युक्त भोजन करें। जैसे चोकर वाली चपाती, ब्राउन राइस सब्जियां व फल। सोते समय पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं।
जहाँ पर नस चढ़ गयी है वहां पर बर्फ की ठंडी सिकाई करे। ऐसा दिन में 3-4 बार करे। मैदा व पास्ता जैसे रिफाइंड फूड का सेवन न करें। डाईट में नीबू-पानी,नारियल-पानी, मौसमी फल अनार, सेब, पपीता केला आदि शामिल करें। सब्जियों में पालक, टमाटर, सलाद, फलियाँ, आलू, गाजर, चाकुँदर आदि का खूब सेवन करें। इसमें बहुत सारा विटामिन बी 12 होता है, विटामिन c, विटामिन e होता है और मग्निशियम होता है जो की नसों को मजबूती देता है।
दूसरा आपको ओमेगा 3 जरूर लेना है। ओमेगा 3 आलमंड, मछली, अलसी और वालनट में बहुत सारा ओमेगा 3 होता है। आप इसे जरूर खाइए ये नसों के कमजोरी को दूर करता है। किसमिस खाने की आदत डाल लें। यह बहुत से हेल्थ बेनिफिट देने के साथ ही नसों की कमजोरी भी दूर होती है।
इसके अलावा शरीर में ब्लड क्लोड्स नहीं जमने देती वो चीज है लहसून। नस चढ़ने या कमजोरी आने का मेन कारण होता है हमारे नसों में ब्लड का फ्लो प्रोपर न होना। क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन हमारी बॉडी में नहीं हो पाता और बॉडी की जो नसे हैं वो कमजोर होने लगती है।
इसके लिए आपको लहसून जरूर खाना चाहिए। जो नसों में ब्लड क्लोड्स नहीं जमने देता लहसुन में एसिलिन होता है और इसमें सल्फर की मात्रा अच्छी होती है। इसलिए रोजाना लहसुन खाने से आपको ब्लड सर्कुलेशन की समस्या और दिल की बीमारियों से काफी हद तक बचाकर रहता है।
इसके अलावा रोज कच्चा प्याज खाइए प्याज में ढेर सारे ऐंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो धमनियों को बंद होने से रोकते हैं।
यदि आपके नसों में बहुत दर्द होता है अक्सर नस चढने की प्रोब्लम रहती है तो उस जगह में पुदीने के तेल से मालिश करें। इससे आपको नसों के दर्द से राहत मिलेगी।
इसके अलावा 2-अखरोट की गिरि, 4 पिस्ता, 8 बादाम की गिरि, 5-10 किशमिश को रोज़ रात को भीगो दें और सुबह इनका सेवन करें।
साथ ही कच्चा टमाटर धमनियों को जाम करने वाले एसीई ऐंजाइम को रोकता है। इसलिए टमाटर खाने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है। जिन्हें पथरी की समस्या है वो टमाटर को अवॉयड करें।
इसके अलावा आपको 1 चम्मच पंपकिन सीड्स जरूर खाना चाहिए। आप इसे रोस्ट करके या पावडर बनाकर दूध में मिक्स करके खा सकते हैं। जैसे आपको अच्छा लगे वैसा खाइए लेकीन खाइए जरूर, क्योंकि ये नसों को मजबूती देने का बेस्ट सोर्स है पंपकिन सीड्स।
जो लोग जिम करते हैं उनको तो इसे जरूर खाने चाहिए। क्योंकि वो मसल पेन को दूर करती है। पंपकिन सीड्स में बहुत सारा मग्निशियम, कोपर और जिंक होता है जो हमारे माइंड को शार्प भी करता है और हमारे नसों को मजबूती भी देता है।
इसके अलावा अनार को अपने डाइट में शामिल कीजिये। अनार में मौजूद पॉलिफेनॉल्स और नाइट्रेट, मांसपेशियों के टिशूज में ऑक्सिडेशन को रोकता है। इसलिए इसे खाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है।
तो सबसे पहले परहेज की बात करें तो आपको नमक और शक्कर कम खाना है। इसके अलावा आयली फूड रिफाईन्द ओइल बिलकुल ही बंद कर दीजिये। जंक फूड बंद कर दीजिये।