These 2 plants destroy money:नमस्कार आपका स्वागत है दोस्तों वास्तु शास्त्र में, दो ऐसे पेड़-पौधों के बारे में बताया है जिनका भवन की सीमा में होना दुःख एवं दरिद्रता लेकर आता है ये वृक्ष घर के सामने होने से उस घर मे निवास करने वाले लोगों की कभी उन्नति नहीं होती है. उन्हें हमेशा पराजय और निराशा का ही सामना करना पड़ता है।
दोस्तों वास्तु शास्त्र के अनुसार पेड़-पौधे हमारे भवन की सुंदरता बढ़ाते अवश्य है, साथ ही ये वातावरण को शुद्ध रखते हैं। वृक्षों से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक होती है।
वृक्ष नकारात्मकता को कम करके वातावरण को अधिक सकारात्मक बनाने का कार्य करते हैं। घर के सामने शुभ पेड़-पौधे लगाने से घर में बरकत आती है, साथ ही ये पेड़-पौधे कई प्रकार के वास्तु दोषों को नष्ट करते हैं। घर के आंगन में खड़े वृक्ष देवताओं के समान हमारे घर की रक्षा करते हैं, इसीलिए हमारे पुराणों और शास्त्रों में भवन की सीमा में कुछ शुभ वृक्षों का रोपण करने की सलाह दी गई है।

आज हम जानेंगे हमारे घर की सीमा में कौन से पेड़-पौधे होने चाहिए और कौन से पेड़-पौधे नहीं होने चाहिए। जैसे कुछ वृक्षों को शास्त्रों में शुभ बताया गया है। उसी प्रकार से वास्तु शास्त्र में अशुभ वृक्षों तथा पौधों का वर्णन मिलता है। इन वृक्षों का घर की सीमा में होना अशुभ और अमंगलकारी होता है, ये वृक्ष घर के सामने होने से भी दुःख तथा दरिद्रता का ही सामना करना पड़ता है। इन वृक्षों के सानिध्य में रहने पर धन का नाश होता है, शत्रुओं में वृद्धि होती है, मनुष्य अपना मान-सम्मान तक खो देता है। इसीलिए यदि आपने भी जाने अनजाने में अपने घर के बाहर में अथवा घर के अंदर ऐसे वृक्ष तथा पौधे लगाए हैं तो बिना देरी किए उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए। तो चलिए जान लेते हैं मनुष्य को कौन से पेड़ लगाने चाहिए और कौन से नहीं?
सबसे पहला है पीपल का पेड़
किसी जलाशय के समीप पीपल का वृक्ष लगाने वाले मनुष्य को जो फल मिलता है वह सैकड़ों यज्ञों के समान होता है, जब पीपल के पत्ते उस जलाशय में गिरते हैं तो वे पिंड के समान होकर तृप्ति प्रदान करते हैं। इससे सभी प्रकार के पितृ दोष समाप्त हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार जो मनुष्य नित्य स्नान करके पीपल को स्पर्श करता है वह सभी पापों से मुक्त होता है और कभी पराजित नहीं होता है। पीपल को स्पर्श करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और उसकी प्रदक्षिणा करने से आयु में वृद्धि होती है। पीपल की जड़ में श्री विष्णु तने में शिव जी और अग्र भाग में ब्रह्मा जी रहते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल को प्रणाम करने से जो फल मिलता है वह हजार गाय के दान के बराबर होता है।
इस संसार में पीपल के समान कोई वृक्ष नहीं है। साक्षात श्री हरी इस वृक्ष के रूप में पृथ्वी पर विराजमान है। पीपल के वृक्ष को चोट पहुंचाना अथवा उसकी टहनी तोड़ना महापाप माना गया है। ऐसा करने वाला मनुष्य एक कल्प तक नरक में रहता है और जो पीपल को जड़ से काटता है उसका कभी नरक से उद्धार नहीं होता है।
दूसरा है आंवले का वृक्ष
श्री कृष्ण कहते हैं आंवले का फल समस्त लोकों में प्रसिद्ध और परम पवित्र है आंवले को लगाने से स्त्री और पुरुष जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाते हैं, यह पवित्र फल भगवान विष्णु को अत्यंत प्रसन्न करने वाला एवं शुभ माना गया है । इसको खाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आंवला खाने से आयु बढ़ती है, उसका जल पीने से रोगों का नाश होता है और आंवले को जल में मिलाकर स्नान करने से दरिद्रता दूर हो जाती है और सभी प्रकार का ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं। जिस घर में आंवला सदा मौजूद रहता है उस घर में कभी दैत्य और राक्षस नहीं आते हैं। एकादशी के दिन अगर आंवला मिल जाए तो संसार के सभी तीर्थों से बढ़कर फल प्राप्त होता है। अपने केश में आंवला लगाने वाला फिर से मृत्युलोक पर जन्म नहीं लेता है। जिस घर के सामने आंवले का वृक्ष होता है, वहां पर साक्षात लक्ष्मी नारायण निवास करते हैं।
तीसरा है अशोक का वृक्ष.
दोस्तों पद्मपुराण के अनुसार अशोक के वृक्ष में अप्सराओं का निवास होता है। यह वृक्ष शोक का नाश करने वाला तथा निराशा को समाप्त करने वाला होता है। इस वृक्ष को घर के पास लगाने से घर में सुख शांति बनी रहती है। अशोक का वृक्ष शीतलता और यौवन प्रदान करने वाला होता है। माँ लक्ष्मी ने जब देवी सीता के रूप में अवतार लिया था तब रावण द्वारा अपहरण करने के बाद उनका वास अशोक वाटिका में था। अशोक के वृक्ष ने माँ सीता की बहुत सेवा की थी इसीलिए माँ सीता ने अशोक वृक्ष को यह वरदान दिया था कि जिस भी स्थान पर यह वृक्ष होगा वहाँ पर उनका सदैव ही निवास होगा।
चौथा है पाकड़ का वृक्ष
पद्मपुराण के अनुसार प्रत्येक मनुष्य को पाकड़ का वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। यह वृक्ष लगाने से जो फल मिलता है वह महायज्ञ के समान होता है। कलयुग में मनुष्य यज्ञ नहीं कर पाएंगे इसीलिए उन्हें पाकड़ का वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए।
पांचवा है नीम का वृक्ष
पद्मपुराण के अनुसार नीम का वृक्ष लगाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं। नीम का वृक्ष आयु प्रदान करने वाला माना गया है। इसे घर के पास लगाने से नाना प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है। माँ लक्ष्मी को नीम के पत्ते अत्यंत प्रिय होते हैं, इसीलिए वह नीम के वृक्ष के पास निवास करती है, घर के सामने नीम के वृक्ष का रोपण करने से धन संपत्ति की प्राप्ति होती है।
छठा है जामुन का वृक्ष
यदि कोई मनुष्य कन्या प्राप्ति की कामना करता है तो उसे जामुन का वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। पद्मपुराण के अनुसार जिस मनुष्य के घर के सामने जामुन का वृक्ष होता है उसके घर में कन्या का जन्म होता है, जो कुल का गौरव बढ़ाती है।
सातवां है बेल का वृक्ष
पद्मपुराण के अनुसार बेल के वृक्ष में भगवान शिव और गुलाब में देवी पार्वती का निवास है। इसीलिए अगर बेल के वृक्ष के पास गुलाब का पौधा लगाया जाए तो शिव पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उस घर कभी दुख दरिद्रता नहीं आती है, उस घर में कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है और कोई स्त्री विधवा नहीं बनती है।
आठवां है नारियल का पेड़.
नारियल किसी भी धार्मिक अनुष्ठान का आवश्यक अंग होता है। यह अत्यंत शुभ माना जाता है। घर के आंगन में नारियल का पेड़ होने से उस घर में हमेशा शुभता होती है और उस घर के सदस्यों का समाज में बहुत मान सम्मान होता है।
सुंदर पत्नी कामना करने वाले मनुष्य को अनार का वृक्ष लगाना चाहिए।
पलाश का पेड़ ब्रह्म तेज प्रदान करता है इसीलिए इसका रोपण अवश्य करना चाहिए।
वंश वृद्धि और संतान प्राप्ति की कामना करने वाले मनुष्य को अंकुल का वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए।
अगर मनुष्य किसी बीमारी से पीड़ित है तो उसे खैर का वृक्ष लगाना चाहिए। खैर का वृक्ष लगाने से बड़े-बड़े रोग नष्ट हो जाते हैं। यह वृक्ष आरोग्य प्रदान करने वाल होता है।
कुंद अर्थात मोगरे के पेड़ में गंधर्व निवास करते हैं, इसीलिए इस पौधे का रोपण अपने घर के पास करने से कार्यों में सिद्धि और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। खासकर कला के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को यह पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
चंदन और कटहल के वृक्ष पुण्य और लक्ष्मी प्रदान करते हैं, इन वृक्षों का रोपण करने से दुःख दरिद्रता समाप्त हो जाती है।
केले का पेड़ भी बहुत शुभ होता है और यह घर में सुख समृद्धि और खुशहाली लाता है। केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए घर में केले का पेड़ होने से घर में धन की कमी नहीं होती है।
हर श्रृंगार के पौधे को पारिजात भी कहा जाता है, इस पौधे की उत्पत्ति समुद्र मंथन के समय हुई थी और माँ लक्ष्मी भी समुद्र मंथन से ही प्रकट हुई है। इसीलिए पारिजात के पौधे का बहुत अधिक महत्व है। यदि इस पौधे को अपने घर पर लगाते हैं तो आपको माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
ताड़ का वृक्ष
मनुष्य को कभी भी ताड़ का वृक्ष नहीं लगाना चाहिए। ताड़ का वृक्ष संतान का नाश करने वाला होता है। जिस घर के पास ताड़ का वृक्ष होता है उस घर के संतानों की कभी उन्नति नहीं होती है।

बहेड़े का वृक्ष
मनुष्य को कभी भी अपने घर के पास बहेड़े का वृक्ष नहीं लगाना चाहिए। इस वृक्ष पर प्रेतों का वास होता है, जो मनुष्य बहेड़े का वृक्ष लगाता है वह प्रेत बन जाता है। इसके नीचे बैठकर कभी पूजा पाठ भी नहीं करना चाहिए।

अगर किसी मनुष्य को शत्रुओं का भय सता रहा है तो उसे केवड़े का वृक्ष लगाना चाहिए, यह शत्रुओं का नाश करने वाला होता है।
तो दोस्तों इस प्रकार से शास्त्रों में इन पेड़ पौधों के बारे में बताया गया है। उम्मीद है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।